देहरादून, 24 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राज्य में डेंगू की रोकथाम को लेकर चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग पूरी तरह सक्रिय है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों के क्रम में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने डेंगू से बचाव के लिए सभी संबंधित विभागों को एडवाइजरी जारी की है।
स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि डेंगू का मच्छर साफ जमा हुए पानी में पनपता है। यदि समय रहते ऐसे स्थलों की पहचान कर ली जाए जहां पानी एकत्र हो सकता है और उसे हटाया जाए, तो डेंगू को फैलने से रोका जा सकता है। इसी दृष्टिकोण से उन्होंने सभी संबंधित विभागों को एडवाइजरी प्रेषित की है, जिसमें यह कहा गया है कि डेंगू नियंत्रण में सभी विभागों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। एडवाइजरी में अंतरविभागीय समन्वय के साथ समन्वित प्रयास करने पर ज़ोर दिया गया है। एडवाइजरी प्राप्त करने वाले विभागों में शहरी विकास, नगर निगम, नगर पालिकाएं, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, शिक्षा, सूचना, आपदा प्रबंधन, सिंचाई, कृषि, महिला एवं बाल विकास, परिवहन, मौसम विभाग, पर्यटन, वन एवं जलापूर्ति विभाग प्रमुख रूप से शामिल हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने की बैठक, जारी किए दिशा-निर्देश
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक में कहा कि हमारी प्राथमिकता डेंगू के मामलों को घटाना और नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। डेंगू मच्छर, विशेषकर एडिस एजिप्टी, घरों के आस-पास पानी जमा होने वाली जगहों पर प्रजनन करते हैं, इसलिए इन स्थानों का सफाई और निगरानी करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह समय सामूहिक जिम्मेदारी निभाने का है ताकि राज्य को डेंगू मुक्त बनाया जा सके। सभी विभागों से अपेक्षा की गई है कि वे अपने-अपने स्तर से सतर्कता एवं जागरूकता फैलाएं और संभावित मच्छरजनित स्थलों की नियमित निगरानी करें।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए विभिन्न विभागों के समन्वित प्रयास चल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हर जिले में मच्छरों के उत्पत्ति स्थानों की पहचान कर उन्हें नष्ट कर रहे हैं। इसके अलावा, शहरी विकास विभाग द्वारा निर्माण स्थलों, पुराने टायरों, खाली प्लॉटों और पानी के जमा होने वाले स्थानों की सफाई की जा रही है। नगर निगम और ग्रामीण विकास विभाग के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें घरों और सार्वजनिक स्थानों से पानी के किसी भी प्रकार के संचय को रोकने पर जोर दिया जा रहा है। पानी की टंकियों, कूलरों और बर्तन आदि को सप्ताह में कम से कम एक बार साफ करने की सलाह दी जा रही है। उन्हाेंने बताया कि स्कूलों में विशेष रूप से सेहत और स्वच्छता पर आधारित पाठ्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि बच्चों के माध्यम से गांव और शहरों में व्यापक जागरूकता फैलाई जा सके।
(Udaipur Kiran) / Vinod Pokhriyal
