

अजमेर, 24 अप्रेल (Udaipur Kiran) । श्री जिनशासन तीर्थ क्षेत्र पर गुरुवार को एक और ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित हुआ। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने खवगराय शिरोमणि नामक एक विशाल ग्रंथ का विमोचन किया। यह ग्रंथ 36 फीट लंबा और 24 फीट चौड़ा है, जो जैन संत आचार्य विद्यानंद जी महाराज के जीवन, दर्शन और समाज सेवा पर आधारित है।
इस विशाल ग्रंथ के निर्माण में लगभग 1500 स्क्वायर फीट फ्लेक्स, 50 लीटर पेंट और 1000 किलोग्राम लोहे का उपयोग किया गया। इसमें कुल 18 पृष्ठ हैं, जिन्हें 15 से 20 समर्पित कलाकारों और सेवकों ने महज 5 दिनों में तैयार किया। यह कार्य न केवल जैन समाज के लिए बल्कि समूचे भारतवर्ष के लिए गौरव का विषय है। इस अवसर पर 101वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में आचार्य विद्यानंद जी को समर्पित यह ग्रंथ समर्पित किया गया।
108 फीट ऊँचा जैन ध्वज फहराया गया
पुस्तक विमोचन के साथ ही कार्यक्रम में एक और धार्मिक प्रतीकात्मकता देखी गई, जब श्री जिनशासन तीर्थ क्षेत्र पर 108 फीट ऊँचा जैन ध्वज फहराया गया। यह ध्वज जैन धर्म के सिद्धांतों, आत्मबल और अहिंसा का प्रतीक बनकर आकाश में लहराता रहा। शाम के समय भगवान की भव्य मंगल आरती का आयोजन हुआ, जिसमें हज़ारों श्रद्धालु सम्मिलित हुए। आरती के पश्चात एक भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से आए ख्यातनाम कवियों ने धर्म, भक्ति, समाज और संस्कृति पर अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। इस आयोजन ने सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। महामहोत्सव का अंतिम दिन मोक्ष कल्याणक के रूप में और भी दिव्य रूप में मनाया जाएगा। इस दिन 5 हाथी, घोड़े, बग्गी, बैंड के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो तीर्थ क्षेत्र की परिक्रमा करेगी। इसके उपरांत हवन और पूजा के साथ भगवान के प्रथम महामस्तकाभिषेक का भव्य आयोजन किया जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / संतोष
