Madhya Pradesh

उमरिया: तीसरी लाइन का रेल संरक्षा आयुक्त ने किया हवा हवाई निरीक्षण

ओह माई गॉड रेल्वे में भी इतनी बड़ी लापरवाही हवा हवाई निरीक्षण

उमरिया, 24 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जिले के कटनी बिलासपुर रेल खंड के बिरसिंहपुर पाली से उमरिया के बीच तीसरी लाइन की औपचारिकता पूर्ण कर मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त रवाना हो गए, जबकि अभी भी तीसरी लाइन का कार्य अपूर्ण है।

जानकारी के लिए बता दें कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मध्य बिरसिंहपुर पाली से उमरिया के मध्य निर्मित तीसरी रेलवे लाइन का सीआरएस निरीक्षण 31 मार्च व 1 अप्रैल को महज दिखावा कर औपचारिकता निभाते हुए जनक कुमार गर्ग चले गए। खास बात यह है कि कही भी नई रेलवे लाइन का काम होने पर या कि बडी रेल दुर्घटना होने पर सी आर एस का निरीक्षण किये जाने का प्रावधान है।

बता दें कि सी आर एस एक स्वतंत्र एजेंसी है, जो कि रेल विभाग से अलग सीधे गृह विभाग से जुड़ी एजेंसी है। जिसमें मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त निरीक्षण करते हैं।

मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ही नई रेलवे लाइनो पर रेल गाड़ियां चलने के लिए, उपयुक्त है कि नहीं, इस विषय पर विस्तृत, सूक्ष्मतम निरीक्षण कर रेल गाड़ियों के परिचालन की अनुमति प्रदान करते हैं, कमियां पाये जाने पर मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा कदापि रेल गाड़ियां परिचालन की अनुमति नहीं दी जाती ह, लेकिन सी आर एस जैसी महत्वपूर्ण एजेंसी ने जिस तरह निरीक्षण के दौरान संरक्षा और सुरक्षा के निर्धारित मानकों की अनदेखी की गयी है, इस वजह से सी आर एस निरीक्षण सवालों के घेरे में है।

बताया जाता है कि नवनिर्मित तीसरी रेलवे लाइन के ट्रैक पैरामीटर जो संरक्षा के होने चाहिए, उनकी अनदेखी की गई है। रेल पुलों का कार्य हो, पुलों पर गार्ड रेल, चेकरेड प्लेट, लेवल क्रॉसिंग में नॉन स्टैण्डर्ड चैक रेल, चैक रेल का गैप स्टैंडर्ड नहीं रखा गया, रोड यूजर के लिए प्रॉपर सड़क नहीं बनाई गई, यार्ड में प्वाइंटों के नीचे जर्जर स्लीपर को नहीं बदला गया, पुराने स्लीपरो को नहीं बदला गया, स्लीपर के नीचे कुशन नहीं है। इत्यादि रेल लाइन का काम अपूर्ण रहा, फिर भी मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने इन सब बारीकियों को नजर अंदाज करके मामूली निर्देश देते हुए ट्रैक पर रेलगाड़ियों के परिचालन के लिए अनुमति दे दी।

जानकार सूत्रों का मानना है कि ट्रैक में स्लीपर की फिटिंग्स बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन चाभियां तक अभी अपूर्ण है। बैलास्ट प्रोफाइल तक नहीं बनाई गई। इसके बाबजूद भी रेलगाड़ियों के परिचालन की अनुमति देना मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त को संदेह के घेरे में खड़ा करता है।

इस मामले में जब बिलासपुर रेल पी आर ओ संतोष कुमार से बात की गई तो उन्‍होंने कहा कि जो भी कांट्रेक्ट में क्लॉज होगा उसके हिसाब से एक्शन लिया जाएगा, इसकी जांच होगी तब बताएंगे।

(Udaipur Kiran) / सुरेन्‍द्र त्रिपाठी

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