Uttrakhand

‘ग्रामोत्थान’ परियोजना के सहयोग से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ी भूमियाधार की रीता

अपनी मुर्गियों के साथ रीता देवी।

नैनीताल, 24 अप्रैल (Udaipur Kiran) । नैनीताल जनपद के भीमताल विकासखंड के भूमियाधार गांव की रीता देवी, ग्रामीण विकास विभाग की ‘ग्रामोत्थान’ परियोजना के सहयोग से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। 2020 में पति के निधन के बाद मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करने वाली रीता देवी के जीवन में ग्रामोत्थान परियोजना ने नई उम्मीद दी।

परियोजना के तहत अल्ट्रा पुअर यानी अत्यधिक गरीब श्रेणी में चयनित होने पर उन्हें ₹35,000 की ब्याज रहित धनराशि मिली, जिससे उन्होंने मुर्गी पालन व्यवसाय शुरू किया। उनकी मेहनत और समर्पण से मुर्गियों की संख्या बढ़ी, और अब तक उन्होंने मुर्गियों को बेचकर ₹18,000 से ₹22,000 की आय अर्जित की है। इसके साथ ही वे रोजाना 10-12 अंडे बेचकर नियमित आमदनी प्राप्त कर रही हैं। मुर्गी पालन से रीता देवी की आय में वृद्धि हुई है, पशुधन भी बढ़ा है, और उन्हें उद्यमिता का नया अनुभव मिला है।

वे अब अपने परिवार का बेहतर पालन-पोषण कर रही हैं और ग्रामोत्थान परियोजना की आभारी हैं, जिसने उनकी आजीविका को मजबूती दी। उनकी सफलता न केवल आर्थिक सशक्तिकरण का उदाहरण है, बल्कि आत्मनिर्भरता की प्रेरणा भी प्रदान करता है। ग्रामोत्थान परियोजना की सहायक ज्ञान प्रबंधन -आईटी शिवानी पांडे ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-2025 में अल्ट्रा पुअर पैकेज के तहत 400 परिवारों को लाभान्वित किया गया है, जिसमें चयनित लाभार्थियों को ₹35,000 की ब्याज मुक्त आर्थिक सहायता दी जाती है। यह ऋण राशि लाभार्थियों को किसी वित्तीय दबाव से बचाने के लिए पूरी तरह से ब्याज मुक्त है।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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