
मुरैना, 24 अप्रैल (Udaipur Kiran) । योजनाओं में निर्मित भवन की अनदेखी किए जाने से शासन को लाखों रुपए का पलीता लगाया जा रहा है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण जिले के सबलगढ़ जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत देवपुर पूंछरी पर निर्मित ब्लॉक रिसोर्स सेंटर का देखने में आया है। लगभग दो दशक पूर्व निर्मित इस भवन का लोकार्पण पश्चात आज तक उपयोग नहीं हुआ है। इसके दरवाजे ,खिडक़ी ,विद्युत व्यवस्था सब कुछ लापता हो गए हैं। वहीं पूरा भवन तबेले में तब्दील दिखाई दे रहा है। इस भवन का परिषर एक छोटे जंगल में बदल गया है। वर्तमान स्थिति देखकर यह प्रमाणित होता है कि वर्षों से इस भवन का कोई उपयोग नहीं हुआ है। ग्रामीण विकास विभाग अब भवन के निर्माण से उपयोग न होने तक की जांच कराने को कह रहा है।
जिले की सबलगढ़ जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत देवपुर पूंछरी में ब्लाक रिसोर्स सेंटर भवन का निर्माण बीआरजीएफ योजना के तहत किया गया था। सबलगढ़ तहसील व जनपद मुख्यालय से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर तात्कालीन समय में लाखों रूपये कीमत से इस भवन का निर्माण किया गया था। इसका लोकार्पण जिले के तात्कालीन प्रभारी मंत्री केएल अग्रवाल ने किया। लगभग 5 माह तक महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना का जनपद स्तरीय कार्यालय स्थापित किया गया जो कि एक स्टोर के रूप में माना गया था। बड़ी कवायद के बाद यह अवगत हुआ कि सुचारू विद्युत व्यवस्था को अपर्याप्त बताकर भवन में स्थाई रूप से तालाबंदी कर दी।
पहाड़ी पर बने शासकीय भवन में चौकीदार न होने से अवांछनीय तत्वों का आश्रय स्थल बन गया। धीरे-धीरे खिडक़ी, दरवाजे, जंगले तथा स्टोर में रखी सामग्री चोरी होने लगी। अंतत: यह भवन आवारा पशुओं का आश्रय स्थल होकर तबेले में तब्दील हो गया है। वर्तमान शासन व ग्रामीण विकास के अधिकारी यह नहीं बता पा रहे हैं कि इसका निर्माण कब हुआ था और क्यों उपयोग में नहीं लिया गया। भवन का उपयोग न होने से शासन की लाखों रूपये की क्षति हुई है। तात्कालीन समय इस भवन की आवश्यकता नहीं थी। फिर इसे निर्मित क्यों कराया गया। इस भवन का उपयोग किसके आदेश से नहीं हुआ। इसकी जांच भी आवश्यक है। क्योंकि शासन की राशि को पूर्ण रूपेण बर्बाद कर दिया गया। इन लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही किया जाना उचित माना जा रहा है।
इस संबंध में जिला पंचायत मुरैना मुख्य कार्यपालन अधिकारी कमलेश कुमार भार्गव का कहना है कि इस भवन का निर्माण कर उपयोग न किया जाना लापरवाही के साथ शासन की राशि को बर्बाद करना है। इसके लिये समिति बनाकर जांच कराई जायेगी। दोषी अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही होगी।
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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा
