Uttar Pradesh

अमृत सरोवर को देख डीएम बोले न तो यह अमृत है और न ही सरोवर

निरीक्षण करते डीएम रमेश रंजन

फिरोजाबाद, 24 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जिलाधिकारी रमेश रंजन ने वृहस्पतिवार को जनपद में संचालित विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं की वस्तुस्थिति को देखने के लिए विभिन्न स्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने अमृत सरोवर के निरीक्षण में मानक के अनुरूप कार्य न होने पर नाराजगी भी जाहिर की।

जिलाधिकारी रमेश रंजन मक्खनपुर स्थित ग्राम बिल्टीगढ़ में बने अमृतसरोवर के सौन्दर्यीकरण का निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि बना हुआ अमृत सरोवर संपूर्ण मानकों को पूर्ण नहीं कर रहा है। अमृत सरोवर के चारों ओर पौधरोपण नहीं किया गया। यहां कोई सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया। जिससे कार्य से संबंधित समस्त जानकारी जनता को उपलब्ध हो सके।

जिलाधिकारी ने इस अमृत सरोवर को देखकर कहा कि न तो यह अमृत है और न ही सरोवर है। अमृत सरोवर के लिए मानक यह निर्धारित किया गया है, कि प्रत्येक अमृत सरोवर न्यूनतम एक एकड़ में बना होना चाहिए, जिसमें लगभग दस हजार घन मीटर जलधारण करने की क्षमता हो। जिलाधिकारी ने कार्य में लापरवाही बरतने पर जे0ई0 को सख्त चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने अपर जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि वह जनपद में बने प्रत्येक अमृत सरोवर का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति से अवगत कराए। जहां भी अमृत सरोवर मानक के अनुसार नहीं बने हैं, वहां पर संबंधित के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

इसके पश्चात् जिलाधिकारी नगर पालिका परिषद शिकोहाबाद में टी0पी0डी0 क्षमता के म्युनिसिपल सॉलिड़ वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट कार्य का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने कहा कि आने वाले समय में यह केंद्र गांव की दशा एवं दिशा बदलने वाला होगा, इसलिए इस कार्य में निरन्तरता एवं गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए इसे ससमय पूरा करें।

इसके पश्चात् जिलाधिकारी 500 गायों की क्षमता से युक्त ग्राम पंचायत जरौली में बन रही गौशाला का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने कहा कि आवागमन के मार्ग का निर्माण मनरेगा के मद से कराए, साथ ही इस गौशाला के चारों तरफ ट्री-गार्ड सहित पौधरोपण भी कराया जाए, साथ ही साथ गौवंशों के चारे की समुचित व्यवस्था की जाए, जिससे आने वाले समय में यह गौशाला आदर्श गौशाला के रूप में जानी जाए।

इसके बाद जिलाधिकारी ने अस्थाई गौशाला राही का निरीक्षण किया। 238 गोवंशों से युक्त इस गौशाला में कोई पशु चिकित्सक नहीं था, साथ ही यहां नगर पालिका के 6 और एनजीओ के तीन कर्मचारी कार्यरत पाए गए। जिलाधिकारी ने इस गौशाला हेतु जल्द भूमि चयनित करने हेतु उप जिलाधिकारी को निर्देशित किया जिससे गोवंशों को समुचित तरीके से संरक्षित किया जा सके।

अंत में जिलाधिकारी तहसील सिरसागंज स्थित ग्राम ताखा में औद्योगिक आस्थान हेतु चयनित भूमि का निरीक्षण करने पहुंचे।जिलाधिकारी ने कहा कि इस सुदूर क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ने से इस क्षेत्र के लोगों को न केवल रोजगार की प्राप्ति होगी, अपितु इस क्षेत्र की आधारभूत संरचना भी मजबूत होगी, जिससे युवाओं को अपना स्थान छोड़कर अन्यत्र पलायन नहीं करना पड़ेगा।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी शत्रोहन वैश्य, अपर जिलाधिकारी वि0रा0 विशु राजा सहित उप जिलाधिकारी कृति राज आदि उपस्थित रहें।

(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़

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