Gujarat

पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए तीनाें का किया गया अंतिम संस्कार

सूरत में अंतिम यात्रा में उमड़े लोग।
मृतक का शव गुजरात लाया गया।
मृतक का शव गुजरात लाया गया।

• भावनगर में मृतक पिता-पुत्र काे मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने दी श्रद्धांजलि • सूरत में पर्यटक काे श्रद्धांजलि देने पहुंचे केन्द्रीय मंत्री गृह राज्य मंत्री

अहमदाबाद, 24 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला में मारे गए गुजरात के तीनों लोगों का गुरुवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। भावनगर में पिता-पुत्र को अंतिम संस्कार से पहले मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल व श्रीराम कथा वाचक मोरारी बापू ने और सूरत में एक व्यक्ति को केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने श्रद्धांजलि दी।

पहलगाम में आतंकी हमले में सूरत के युवक शैलेष कलथिया और भावनगर के यतीश परमार और स्मित परमार मारे गए थे। इन तीनों केशवों को विमान से गुजरात लाया गया था। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल भावनगर में मृतक यतीश- सुमित को श्रद्धांजलि दी। श्रीराम कथा वाचक मोरारी बापू ने भी भावनगर में पिता-पुत्र के शव पर श्रद्धांजलि अर्पित की। अंतिम यात्रा में हजारों लोगों शामिल हुए। भावनगर के सिंधुनगर श्मशान गृह में पिता-पुत्र का अंतिम संस्कार किया गया। पहलगाम की आतंकी घटना के विरोध में भावनगर जिले के पालिताणा में दुकानदारों ने स्वैच्छिक बंद रखा।

आतंकी घटना में मारे गए सूरत के शैलेष कलथिया का अंतिम संस्कार कठोर श्मशान गृह पर किया गया। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल और गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने शैलेष कलथिया को श्रद्धांजलि अर्पित की। सूरत में श्रद्धांजलि अर्पित करने गए केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल के समक्ष मृतक शैलेष कलथिया की पत्नी ने पीड़ा स्वरूप रोष जताया। मृतक की पत्नी ने केन्द्रीय मंत्री से कहा कि मुस्लिमों को कुछ नहीं किया गया। वहां जितने हिंदू थे, सभी को गोली मार दी गई। जब तक उनके प्राण नहीं निकले, वे वहां खड़े-खड़े हंसते रहे। मृतक की पत्नी ने कहा कि कश्मीर को बदनाम करते हो, लेकिन कश्मीर में कोई दिक्कत नहीं है। दिक्कत सरकार और सिक्युरिटी में है। इतनी बड़ी संख्या में वहां टूरिस्ट थे, लेकिन कोई आर्मी, पुलिस या मेडिकल कैम्प नहीं था। हम सरकार और आर्मी के ऊपर भरोसा कर वहां घूमने गए थे। पत्नी ने आराेप लगाया कि आर्मी कहती है कि ऊपर क्यों घूमने जाते हो, हमारे देश की आर्मी यदि यह कहती है तो दूसरा फिर कौन क्या कह सकता है। मृतक की पत्नी ने कहा कि हमारा सवाल है कि आर्मी टूरिस्ट को फिर ऊपर जाने ही क्यों देती है? मृतक की पत्नी ने सरकार की वीआईपी कल्चर पर भी सवाल खड़ा किया।

—————

(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

Most Popular

To Top