
पानीपत, 23 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पानीपत में गिरते भू जल स्तर को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। उपायुक्त डॉ. विरेन्द्र कुमार दहिया ने बताया कि किसान अगर 15 जून से पहले धान की रोपाई करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। भू-जल बचाने के लिए सरकार ने कड़ा प्रतिबंध लगाया हुआ है। जो किसान आदेशों का उल्लंघन करेगा, उससे जुर्माना वसूल किया जाएगा और विभाग उसकी फसल को भी नष्ट करा देगा।
जिला उपायुक्त ने बुधवार को जारी जानकारी में बताया कि फसल नष्ट कराने का खर्चा भी किसान से लिया जाएगा। ग्राम सचिव, पटवारी और कृषि अधिकारी की संयुक्त टीम पुलिस बल के साथ संबंधित खेत में पहुंचकर फसल को नष्ट कराएगी। उन्होंने बताया कि जिले में करीब 90 हजार हेक्टेयर में धान की रोपाई व बिजाई की जाती है। समय से पहले धान की रोपाई रोकने के लिए कृषि विभाग ने टीमें गठित कर दी गई हैं। टीमें खंड कृषि अधिकारी व कृषि विभाग के नेतृत्व में खेतों में जाकर निरीक्षण करेंगी।
उपायुक्त ने बताया समय से पहले धान रोपाई लोगों को जल संकट के मुहाने पर लाकर खड़ी कर रही है।
कृषि उपनिदेशक डॉ. आत्मा राम गोदारा ने बताया कि मेरा पानी, मेरी विरासत योजना को इस साल भी लागू किया गया है। धान की खेती छोडऩे और धान के जगह पर अन्य विकल्पित फसलों की बुआई करने वाले किसानों को 8 हजार प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। कृषि विभाग ने धान की सीधी बिजाई (डीएसआर) को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रति एकड़ 4500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दे रही है। इस विधि से बिजाई करने से लगभग 30 प्रतिशत पानी की बचत होती है और इससे पैदावार में भी इजाफा होता है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से यह सख्त निर्देश हैं कि किसान 15 जून से पहले धान की रोपाई नहीं कर सकते। मानवता के पहलू से भी आवश्यक है कि भू-जल बचाने में अपना सहयोग दें।
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(Udaipur Kiran) / अनिल वर्मा
