श्रीनगर, 23 अप्रैल (Udaipur Kiran) । डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की और इसे न केवल निर्दाेष लोगों पर हमला बताया बल्कि इसे कश्मीरियत और मानवता की आत्मा पर हमला बताया।
आज़ाद ने जनभावना में आए महत्वपूर्ण बदलाव पर प्रकाश डाला और कहा कि पहली बार क्षेत्र के मुस्लिम बहुसंख्यक लोग खुले तौर पर दुख और विरोध में एकजुट हुए हैं, आतंकवाद को खारिज कर रहे हैं और पीड़ितों, विशेष रूप से अपने हिंदू भाइयों और बहनों के साथ एकजुटता में खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि आज अगर कोई आतंकवादी (पर्यटकों से) पूछता है कि आपका धर्म क्या है तो इसका मतलब है कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादियों ने हमारी मानवता और कश्मीरियत पर हमला किया है और शायद यही वजह है कि मुस्लिम बहुल राज्य जम्मू-कश्मीर के मुसलमान आतंकवादियों के खिलाफ खड़े हुए हैं और कहा है कि बस बहुत हो गया। पहले मुसलमानों पर अक्सर ऐसे आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया जाता था। लेकिन आज उन्होंने दिखा दिया है कि वह ऐसे आतंकवादियों के खिलाफ हैं।
उन्होंने कहा कि मैं सभी से अपील करता हूं कि वह आबादी को बांटने के काम से बचें। इसके बजाय हमें कश्मीर के मुसलमानों द्वारा दिए गए सकारात्मक संदेश पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि वह हमारे हिंदू भाइयों और बहनों के साथ हैं जो मारे गए और आतंकवादियों के खिलाफ हैं।
डीपीएपी प्रमुख ने बताया कि पहले लोग शायद ही कभी ऐसी घटनाओं की निंदा करते थे। शायद इसलिए क्योंकि उन्हें डर था कि अगर वह आतंकवादियों के खिलाफ बोलेंगे तो उनकी जान को खतरा हो सकता है। लेकिन यह पहली बार है कि मैं देख रहा हूं कि पूरा जम्मू-कश्मीर शोक में है और कल हुई घटना के जवाब में जम्मू-कश्मीर का हर गांव, जिला और शहर बंद है। एक समय था जब जम्मू-कश्मीर की कुछ मस्जिदों में आतंकवादियों के लिए समर्थन मांगा जाता था। यह पहली बार है जब मैं देख रहा हूं कि मस्जिदों में सभी इमाम आतंकवादियों के खिलाफ बोल रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता
