
– नियमित टीकाकरण, गर्भवती जांच, प्रसव सहित सभी सेवाएं सुचारू रूप से संचालित
भोपाल, 22 अप्रैल (Udaipur Kiran) । कतिपय संगठनों के आह्वान पर मंगलवार को की गई स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल में भोपाल जिले के संविदा स्वास्थ्यकर्मी शामिल नहीं हुए हैं। जिले की सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं और मैदानी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं निर्बाध रूप से निरंतर जारी रही।
दरअसल, कुछ संगठनों ने स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल का आह्वान किया था, किंतु मरीजों और अन्य हितग्राहियों के हित को देखते हुए भोपाल में संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने हड़ताल में शामिल न होकर स्वास्थ्य सेवाएं निरंतर दिए जाने का फैसला लिया है। हड़ताल के पहले दिन मंगलवार को भोपाल जिले में 237 नियमित टीकाकरण सत्रों में से 232 सत्र आयोजित हुए। इस दौरान 831 बच्चों और 187 गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए गए। इसके साथ ही असंचारी रोग स्क्रीनिंग, टीबी, मलेरिया, कुष्ठ, गर्भवती महिलाओं की जांच एवं हाईरिस्क चिह्नांकन, प्रसव, परिवार कल्याण सेवाएं सहित विभिन्न स्वास्थ्य दी जा रही हैं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत भोपाल जिले में 700 से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत हैं। जिसमें चिकित्सक, प्रबंधकीय स्टाफ, नर्सिंग ऑफिसर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, कम्युनिटी हेल्थ ऑफीसर, टीबीएचवी सहित विभिन्न केडर्स शामिल हैं। इनके द्वारा विभिन्न शासकीय अस्पतालों, आयुष्मान आरोग्य केंद्रों, पोषण पुनर्वास केंद्रों, जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र एवं मैदानी स्तर पर अपनी सेवाएं दी जा रही हैं। संविदा कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर शासन से उनके हितों के संरक्षण की मांग की जाती रही है। शासन द्वारा सहानुभूतिपूर्वक विचार करके उनके हित में निर्णय भी लिए गए हैं। कर्मचारियों द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन भी दिया गया है।
जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने भी इन मांगों को लेकर सरकार से सकारात्मक रुख की अपेक्षा की है किंतु हितग्राहियों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए हड़ताल से स्वयं को दूर रखा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि शासन की नीतियां सदैव ही कर्मचारियों के हितों का संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध होती है। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की अपेक्षाओं और उनकी मांगों को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आग्रह किया जाएगा। जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का ये कदम स्वागत योग्य है कि उन्होंने अपने व्यक्तिगत हितों की अपेक्षा आमजन के हितों को प्राथमिकता दी है।
(Udaipur Kiran) तोमर
