नाहन, 22 अप्रैल (Udaipur Kiran) । एक ओर सरकार पर्यावरण संरक्षण और व्यवस्था परिवर्तन के वादे कर रही है वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत इन दावों को खोखला साबित कर रही है। ताजा मामला सिरमौर जिले के पांवटा साहिब क्षेत्र से सामने आया है, जहाँ यमुना नदी में अवैध खनन का सिलसिला लगातार जारी है।
हैरानी की बात यह है कि जिस कार्य को रोकना प्रशासन और संबंधित विभागों की जिम्मेदारी थी, उसे अब आम ग्रामीणों को खुद अपने हाथों से अंजाम देना पड़ा। सोमवार को ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए यमुना नदी में अवैध रूप से खनन कर रही जेसीबी मशीन और डंपरों को रोका।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह खनन कार्य कुछ प्रभावशाली क्रशर मालिकों द्वारा संचालित किया जा रहा है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि यदि कोई आम किसान या मजदूर नियमों का उल्लंघन करता तो उस पर तुरंत भारी जुर्माना लगाया जाता लेकिन यहाँ भारी मशीनों द्वारा खुलेआम नियमों की अनदेखी हो रही थी और प्रशासन मूकदर्शक बना रहा।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस अवैध गतिविधि को रोकने के लिए कई बार माइनिंग विभाग, फॉरेस्ट विभाग, जिला प्रशासन और पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इससे निराश होकर उन्हें खुद नदी में उतरकर जेसीबी और डंपरों को रोकना पड़ा।
अब ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर
