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हार्ट रोगी की बायीं तरफ की मुख्य धमनी थी ब्लॉक, दुर्लभ मिलते हैं ऐसे रोगी

हार्ट रोगी की बायीं तरफ की मुख्य धमनी थी ब्लॉक, दुर्लभ मिलते हैं ऐसे रोगी

अजमेर, 21 अप्रैल (Udaipur Kiran) । नागौर जिले के डेगाना निवासी एक वयोवृद्ध हृदय रोगी का मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, अजमेर में इमरजेंसी के दौरान जीवनरक्षक उपचार करते हुए सफल एंजियोप्लास्टी की गई। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल गुप्ता के नेतृत्व में टीम ने त्वरित और समन्वित प्रयासों से रोगी को सुरक्षित किया।

रोगी की हालत अत्यंत गंभीर थी। उन्हें पहले डेगाना के एक निजी अस्पताल में प्रारंभिक उपचार दिया गया, जिसके बाद उन्हें अजमेर रेफर किया गया। अजमेर लाते समय पुष्कर घाटी में ही उन्हें कार्डियक अरेस्ट हो गया, जिससे उनकी नाड़ी और रक्तचाप मापे नहीं जा सके। मित्तल हॉस्पिटल पहुंचने पर रोगी को तुरंत कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) दिया गया, जिससे उनकी सांसें पुनः लौट आईं। इसके बाद उन्हें वेंटीलेटर पर आईसीयू में शिफ्ट किया गया।

डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि रोगी की एंजियोग्राफी करते समय पता चला कि उनके हृदय की बाईं मुख्य धमनी (Left Main Artery) में लगभग 99 प्रतिशत ब्लॉकेज था, जो हृदयाघात (Heart Attack) का प्रमुख कारण था। यह स्थिति अत्यंत दुर्लभ व खतरनाक होती है और समय पर इलाज नहीं मिलने पर जानलेवा साबित हो सकती है।

रोगी की तुरंत एंजियोप्लास्टी कर ब्लॉक धमनी में स्टेंट डाला गया और उन्हें पुनः आईसीयू में भर्ती किया गया। हालांकि, आईसीयू में भी स्थिति चुनौतीपूर्ण रही। रोगी की हृदय गति अनियमित होकर 250 से अधिक हो गई, जिसे नियंत्रित करने के लिए उन्हें इलेक्ट्रिक शॉक देने पड़े।

डॉ. राहुल ने बताया कि अस्पताल की आपातकालीन इकाई, कैथ लैब, आईसीयू और समस्त स्टाफ ने टीम भावना के साथ मिलकर कार्य किया, जिसका सकारात्मक परिणाम रहा कि रोगी की जान बचाई जा सकी। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले अत्यंत दुर्लभ होते हैं और रोगी का जीवन बच पाना चिकित्सा टीम के समर्पण का प्रमाण है।

(Udaipur Kiran) / संतोष

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हार्ट रोगी की बायीं तरफ की मुख्य धमनी थी ब्लॉक, दुर्लभ मिलते हैं ऐसे रोगी

हार्ट रोगी की बायीं तरफ की मुख्य धमनी थी ब्लॉक, दुर्लभ मिलते हैं ऐसे रोगी

अजमेर, 21 अप्रैल (Udaipur Kiran) । नागौर जिले के डेगाना निवासी एक वयोवृद्ध हृदय रोगी का मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, अजमेर में इमरजेंसी के दौरान जीवनरक्षक उपचार करते हुए सफल एंजियोप्लास्टी की गई। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल गुप्ता के नेतृत्व में टीम ने त्वरित और समन्वित प्रयासों से रोगी को सुरक्षित किया।

रोगी की हालत अत्यंत गंभीर थी। उन्हें पहले डेगाना के एक निजी अस्पताल में प्रारंभिक उपचार दिया गया, जिसके बाद उन्हें अजमेर रेफर किया गया। अजमेर लाते समय पुष्कर घाटी में ही उन्हें कार्डियक अरेस्ट हो गया, जिससे उनकी नाड़ी और रक्तचाप मापे नहीं जा सके। मित्तल हॉस्पिटल पहुंचने पर रोगी को तुरंत कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) दिया गया, जिससे उनकी सांसें पुनः लौट आईं। इसके बाद उन्हें वेंटीलेटर पर आईसीयू में शिफ्ट किया गया।

डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि रोगी की एंजियोग्राफी करते समय पता चला कि उनके हृदय की बाईं मुख्य धमनी (Left Main Artery) में लगभग 99 प्रतिशत ब्लॉकेज था, जो हृदयाघात (Heart Attack) का प्रमुख कारण था। यह स्थिति अत्यंत दुर्लभ व खतरनाक होती है और समय पर इलाज नहीं मिलने पर जानलेवा साबित हो सकती है।

रोगी की तुरंत एंजियोप्लास्टी कर ब्लॉक धमनी में स्टेंट डाला गया और उन्हें पुनः आईसीयू में भर्ती किया गया। हालांकि, आईसीयू में भी स्थिति चुनौतीपूर्ण रही। रोगी की हृदय गति अनियमित होकर 250 से अधिक हो गई, जिसे नियंत्रित करने के लिए उन्हें इलेक्ट्रिक शॉक देने पड़े।

डॉ. राहुल ने बताया कि अस्पताल की आपातकालीन इकाई, कैथ लैब, आईसीयू और समस्त स्टाफ ने टीम भावना के साथ मिलकर कार्य किया, जिसका सकारात्मक परिणाम रहा कि रोगी की जान बचाई जा सकी। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले अत्यंत दुर्लभ होते हैं और रोगी का जीवन बच पाना चिकित्सा टीम के समर्पण का प्रमाण है।

(Udaipur Kiran) / संतोष

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