
सिरोही, 20 अप्रैल (Udaipur Kiran) । आबूरोड स्थित ब्रह्माकुमारीज़ के शांतिवन परिसर के डायमंड हॉल में पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी के तेरहवें पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राजस्थान सरकार के जनजातीय क्षेत्रीय विकास एवं गृह रक्षा विभाग के कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने दादी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि दादी रतनमोहिनी का जीवन लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत रहा है। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन मानव सेवा और कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। उनका योगमय और तपस्वी जीवन सदैव सभी के लिए मार्गदर्शन का स्रोत बना रहेगा।
कार्यक्रम के दौरान सभी वरिष्ठ भाई-बहनों ने दादी के स्मृति स्तंभ पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने दादी रतनमोहिनी के साथ बिताए अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि दादी ने वर्ष 1972 से 1973 तक अफ्रीकी देशों में सेवा की, जहाँ सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अद्भुत कार्य किए। वे एक छोटे से कमरे में रहकर साधना करती थीं और उनके योग बल से कई लोगों का जीवन राजयोग द्वारा परिवर्तित हुआ।
राजयोगिनी बीके मुन्नी दीदी ने कहा कि दादी के साथ अनगिनत प्रेरणादायक अनुभव जुड़े हैं और वह सदैव हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगी। अतिरिक्त महासचिव बीके डॉ. मृत्युंजय भाई ने कहा कि दादी इस ईश्वरीय विश्वविद्यालय की आधार स्तंभ थीं और उन्होंने स्थापना काल से लेकर अंतिम क्षण तक सेवा कार्यों में स्वयं को समर्पित किया।
संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके सुदेश दीदी ने दादी के तपस्वी और कर्मठ जीवन की सराहना करते हुए कहा कि उनका प्रत्येक कर्म अनुकरणीय और प्रेरक रहा है। नेपाल में ब्रह्माकुमारीज़ की निदेशिका बीके राज दीदी ने कहा कि दादी सहज, सरल और स्नेही स्वभाव की थीं, जिससे सभी के दिलों में उनके लिए विशेष स्थान था। उन्होंने नेपाल में कई सेवाएं दीं और अनेक यात्राओं का मार्गदर्शन किया।
दादी की निज सचिव बीके लीला दीदी ने कहा कि दादी ने अपने जीवन से जो महान पदचिन्ह छोड़े हैं, यदि हम उनके मार्ग पर चलें और उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करें, तो यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर ग्लोबल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. प्रताप मिड्ढा, बीके गीता दीदी, डॉ. बनारसी भाई सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। बीके युगरतन ने दादी के प्रति समर्पित गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बीके सविता दीदी ने किया।
—————
(Udaipur Kiran) / रोहित
