
सुकमा, 19 अप्रैल (Udaipur Kiran) । दक्षिण बस्तर का नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के ग्राम बड़ेशेट्टी में बचे हुए 11 नक्सलियों के शुक्रवार को आत्मसर्पण कर देने से ग्राम बड़ेशेट्टी नक्सल मुक्त हो गया। इसके साथ ही ग्रामीणों ने आसपास के गांव को भी नक्सल मुक्त कराने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। शनिवार काे सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चौहान ग्रामबड़ेशेट्टी पहुंचकर ग्रामीणाें की एक बड़ी सभा में शामिल हुए। उन्हाेंने ग्रामीणाें काे बताया कि बड़े शेट्टी गांव नक्सल मुक्त हो गया है और इस गांव को नक्सली आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत पुर्नवास नीति 2025 के तहत बड़ेशेट्टी पंचायत को एक करोड़ की राशि विकास कार्यों के लिए स्वीकृत की गई है। यह धनराशि शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल अन्य विकास कार्याें में पंचायत द्वारा खर्च किया जाएगा।
गांव के सरपंच कमलू जोगा ने बताया कि नक्सलियाें का गढ़ रहे ग्राम बड़ेशेट्टी के ग्रामीणों को पिछले दो दशक में नक्सलवाद से कई गहरे घाव मिले हैं। जिला मुख्यालय सुकमा से 20 किमी दूर स्थित इस पंचायत के आश्रित गांव गंधारपारा, सिंगनपारा, दुरमापारा, पालेड़ पारा, पटेल पारा और तोंगोड़ी में 600 परिवार रहते हैं, जिनकी जनसंख्या लगभग 1700 है। दो-दशक पहले वर्ष 2005 में जब सलवा जुडूम प्रारंभ हुआ तो यहां नक्सलियाें ने अपने पांव पसारना शुरू किए थे।
सरपंच कमलू जोगा ने बताया कि ग्राम बड़ेशेट्टी समेत आस-पास के क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा खुलेआम नक्सली वारदात काे अंजाम देने लगे थे। नवंबर 2020 में नक्सलियों ने केरलापाल से बड़ेशेट्टी मार्ग को 43 जगह काटकर बड़े-बड़े गढ्ढे कर दिए थे, वहीं 52 स्थानों पर पेड़ काट कर मार्ग को अवरुद्ध कर दिया था। यहां के अस्पताल एवं बालक आश्रम भवन को भी नक्सलियों ने तोड़ दिए थे। कमलू जोगा ने बताया कि पिछले 2008 से बडे़शेट्टी गांव में नक्सलियों का आतंक रहा और कई घटनाओं को इन्होंने अंजाम भी दिया। हालांकि गांव में तीन नक्सली मारे गए, एक जवान बलिदान हुआ। मुखबिर के आरोप में ग्रामीणों को भी नक्सलियों ने मौत के घाट उतारा। चुनाव के दाैरान नक्सलियों ने इवीएम मशीन के लूट की वारदात काे अंजाम दिया था। गांव में कभी शांति नहीं थी, पुलिस और नक्सली का डर समाया रहता था। अब गांव में दहशत का माहौल खत्म हुआ है। उन्हाेंने कहा कि आस-पास के गांवों को भी नक्सल मुक्त करवाया जाएगा।
(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे
