
शहडोल, 17 अप्रैल (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के शहडोल शहर में गुरुवार को एक किसान इंडियन बैंक में एक लाख रुपये जमा करने के पहुंचा, लेकिन इसमें से 500 के 11 नोट नकली मिले। किसान को ये रुपये फसल बेचने के एवज में मिले थे। बैंक प्रबंधक की शिकायत पर पुलिस ने किसान के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और फिलहाल मामले की जांच जारी है।
सहायक शाखा प्रबंधक संतोष कुमार ने बताया कि खाताधारक ने एक लाख रुपये अपने खाते में जमा करवाए थे। जब कर्मचारियों ने नोटों को मशीन में डाला, तो उसमें से 11 नोट नकली मिले।
सोहागपुर थाना क्षेत्र के जमुई गांव निवासी किसान सूर्यांश सिंह बघेल ने बताया कि उसे फसल बेचने के बाद व्यापारी से एक लाख रुपये मिले थे। उसने इंडियन बैंक में रुपये जमा कराए, तो 500 सौ के 11 नोट नकली पाए गए। सभी नकली नोटों का सीरियल नंबर एक ही था। बैंक कर्मियों ने मामले की शिकायत कोतवाली में की है।
इंदौर में दो दिन पहले ही हुआ था नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़
दो दिन पहले ही इंदौर में क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक होटल से नकली नोट छापने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। इस कार्रवाई में पांच आरोपी गिरफ्तार हुए थे, जिनके पास से 3.85 लाख के नकली नोट और नोट छापने की सामग्री बरामद की गई थी। डीसीपी (क्राइम ब्रांच) राजेश दंडोतिया ने बताया कि क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि होटल के रूम नंबर 301 में तीन लोग नकली नोट छाप रहे हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अब्दुल शोएब, रहीश खान और प्रफुल कुमार कोरी को गिरफ्तार किया। तलाशी में 500 रुपये के 100 नकली नोटों की गड्डी और नोट छापने की सामग्री मिली।
पूछताछ में आरोपियों ने कबूला कि जल्दी अमीर बनने की चाहत में होटल में छिपकर नोट छाप रहे थे. उन्होंने एजेंटों के जरिए इन नकली नोटों को सप्लाई करने की बात भी स्वीकार की। इसके बाद भोपाल से जुड़े दो और आरोपी आकाश घारु और शंकर चौरसिया को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से 3.85 लाख के नकली नोट बरामद हुए। इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड सिर्फ 8वीं पास है और उसने फेसबुक से देखकर नकली नोट बनाना सीखा. आरोपियों का संपर्क छिंदवाड़ा की नोट छापने वाली गैंग से फेसबुक के जरिए हुआ था। क्राइम ब्रांच की टीम ने समय रहते कार्रवाई कर बड़ी वारदात को टाल दिया।
(Udaipur Kiran) तोमर
