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दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे आठ बांग्लादेशी धरे गए

नई दिल्ली, 17 अप्रैल (Udaipur Kiran) । दक्षिण पश्चिमी जिले की साउथ कैंपस पुलिस ने इलाके में अवैध रूप से रह रहे आठ बांग्लादेशियों को पकड़ा है। पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने गुरुवार को बताया कि इन्हें विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के समक्ष पेश करने के बाद उन्हें निर्वासन केंद्र भेज दिया है। इनको बांग्लादेश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आरोपितों की पहचान राबिउल इस्लाम, पत्नी सीमा, बेटा अब्राहम, पापिया खातून, सादिया सुल्ताना, सुहासिनी, आर्यन व रिफत अरा मोयना नामक बांग्लादेशियों के रूप में हुई है। पुलिस इनसे पूछताछ कर इनके अन्य साथियों के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही है।

पुलिस के मुताबिक 15 अप्रैल को साउथ कैंपस पुलिस को सत्या निकेतन इलाके में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों के बारे में गुप्त सूचना मिली थी। पुलिस ने तत्काल मौके पर जाकर आरोपित राबिउल इस्लाम को पकड़ा। पूछताछ में इससे पता चला कि वह साल 2012 में त्रिपुरा बॉर्डर से होकर अवैध रूप से भारत आया। तभी से वह दिल्ली के किशनगढ़ इलाके में रह रहा था।

साल 2016 में सीमा नामक लड़की से शादी करने के बाद पत्नी सीमा व बाद में बेटे अब्राहम के साथ यहां बस गया। वह दिल्ली में साफ सफाई व घरेलू सहायक का काम करता था। इसकी पत्नी भी घरेलू सहायिका थी। जांच में इसके पास से आधार कार्ड भी बरामद हुआ। उसने पुलिस को बताया कि उसके कुछ रिश्तेदार दिल्ली के कटवारिया सराय व मोती बाग इलाके में पहले से रह रहे थे। वह काम व अन्य बहाने से अक्सर वहां आया करता था। इसके बाद आरोपित की निशानदेही पर पुलिस ने पांच अन्य आरोपितों को जिले के विभिन्न इलाकों से पकड़ा।

पुलिस के मुताबिक पकड़े गए बांग्लादेशियों में शामिल पापिया खातून को उसके बांग्लादेशी पति ने छोड़ दिया। इसके बाद साल 2007 में वह घोजा डोंगा बॉर्डर से होते हुए अवैध तरीके से भारत में प्रवेश कर गई। इसके बाद दिल्ली के कटवारिया सराय इलाके में बस गई और घरेलू सहायिका का काम करने लगी। इसके बाद 2018 में अपनी बेटी सादिया सुल्ताना को भी दिल्ली बुला लिया। वह वर्तमान में पार्लर का कोर्स भी कर रही थी। एक साल पहले इसने एक अन्य लड़की को गोद भी लिया था। वहीं, रिफत अरा मोयना 2023 में बेनापोल बॉर्डर से एक एजेंट की मदद से अवैध तरीके से भारत में प्रवेश करने के बाद दिल्ली आ गया था। बांग्लादेश में इसके तीन भाई व तीन बहनें भी हैं।

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(Udaipur Kiran) / Dhirender Yadav

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