
नई दिल्ली, 16 अप्रैल (Udaipur Kiran) । दिल्ली दंगे की साजिश से जुड़े मीरान हैदर ने कहा है कि उसने न तो किसी बैठक में हिस्सा लिया था और न ही किसी ऐसे चैट ग्रुप का हिस्सा था जहां हिंसा भड़काने की साजिश पर कोई बात हुई हो। जस्टिस नवीन चावला की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई मई में करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान मीरान हैदर की ओर से पेश वकील ने कहा कि मीरान हैदर एक युवा नेता था और जामिया विश्वविद्यालय का छात्र था। उन्होंने कहा कि मीरान हैदर ने केवल नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था न कि किसी दंगा भड़काने की साजिश रचने में। उसके पास से कोई हथियार बरामद नहीं किया गया था।
05 अप्रैल 2022 को कड़कड़डूमा कोर्ट ने मीरान हैदर की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। मीरान हैदर के खिलाफ दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। मीरान हैदर के खिलाफ यूएपीए की धाराओं 13, 16, 17, 18 और आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
इस मामले में जिन लोगों को आरोपित बनाया गया है उनमें सफूरा जरगर, ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा, शिफा उर रहमान, आसिफ इकबाल तान्हा, शादाब अहमद, तसलीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, शरजील इमाम, फैजान खान, नताशा नरवाल और देवांगन कलीता शामिल हैं। इनमें सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तान्हा, देवांगन कलीता और नताशा नरवाल को जमानत मिल चुकी है। बता दें कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोग मारे गए थे और करीब दो सौ लोग घायल हो गए थे।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
