
– एमओयू पर वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुए हस्ताक्षर- राज्य के 96 लाख एमएसएमई को मिलेगा फायदा
लखनऊ, 16 अप्रैल (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश सरकार और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को पूंजी जुटाने में सहायता देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत एमएसएमई अब एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म के माध्यम से आईपीओ लाकर धन जुटा सकेंगे।
यह एमओयू प्रबंध निदेशक, यूपीएसआईसी राज कमल (आईएएस) और एनएसई की सीनियर मैनेजर निधि महेश्वरी के बीच संपन्न हुआ। इस अवसर पर प्रमुख सचिव, एमएसएमई आलोक कुमार (आईएएस) और सचिव प्रांजल यादव (आईएएस) भी उपस्थित रहे। इस मौके परप्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उद्योग मंत्री राकेश सचान के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार एमएसएमई को एक मजबूत और अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान कर रही है। इस एमओयू से एमएसएमई को इक्विटी बाजार में पहुंच मिलेगी, जिससे वे अपने व्यवसाय को विस्तार दे सकेंगे।
एनएसई के चीफ बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर श्रीराम कृष्णन ने बताया कि अब तक एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म पर 612 कंपनियां सूचीबद्ध हो चुकी हैं और उन्होंने कुल 17,003 करोड़ से अधिक की पूंजी जुटाई है। उनका कुल बाजार पूंजीकरण लगभग 1,76,565 करोड़ है। उत्तर प्रदेश के एमएसएमई को भी इस मंच का लाभ अवश्य उठाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में लगभग 96 लाख एमएसएमई कार्यरत हैं। राज्य सरकार इन उद्यमों को वित्तीय और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। एमएसएमई नीति 2022 के तहत स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्धता के लिए 5 लाख रुपये की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है। यह समझौता प्रदेश के एमएसएमई को सशक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा, जिससे न केवल पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी बल्कि उनकी बाजार पहुंच भी व्यापक होगी। एनएसई, उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से राज्य भर में सेमिनार, जागरुकता सत्र, रोड शो और एमएसएमई कैंप आयोजित करेगा। इन कार्यक्रमों के माध्यम से उद्यमियों को सूचीबद्ध होने की प्रक्रिया और आईपीओ के माध्यम से पूंजी जुटाने के बारे में मार्गदर्शन दिया जाएगा।
दरअसल, एनएसई इमर्ज एनएसई का विशेष मंच है, जो एमएसएमई को पूंजी बाजार से जोड़ने का अवसर देता है। इससे उद्यमों को पब्लिक फंडिंग, ब्रांड की विश्वसनीयता और नए निवेशकों तक पहुंच जैसे लाभ मिलते हैं।
(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला
