तेहरान, 15 अप्रैल (Udaipur Kiran) । ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका के साथ चल रही परमाणु वार्ता को लेकर तटस्थ रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि वह इस प्रक्रिया को लेकर न तो अत्यधिक आशावादी हैं और न ही निराशावादी। खामेनेई का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब हालिया वार्ताओं के बाद देश में संभावित आर्थिक सुधार की उम्मीदें तेज हो गई हैं।
गत सप्ताहांत ओमान में ईरान और अमेरिका के बीच हुई बातचीत को दोनों देशों ने सकारात्मक बताया था। इसके बाद ईरानी मुद्रा रियाल में लगभग 20 प्रतिशत की मजबूती देखी गई, जिससे आम लोगों को आर्थिक प्रतिबंधों से राहत की आशा जगी है।
खामेनेई ने संसद सदस्यों के साथ बैठक में कहा, “यह एक निर्धारित प्रक्रिया है, जिसकी शुरुआत ठीक दिशा में हुई है। लेकिन इसे सतर्कता से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि दोनों पक्षों के लिए ‘लाल रेखाएं’ (red lines) तय की जानी चाहिए ताकि आगे कोई अस्पष्टता न रहे। हालांकि उन्होंने जनता को यह चेतावनी भी दी कि इन वार्ताओं को लेकर अत्यधिक उम्मीदें न पालें और देश की दिशा को इन पर निर्भर न करें।
ईरान के शीर्ष नेता का यह बयान संकेत देता है कि तेहरान अब भी अमेरिकी नीतियों को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं है, खासकर 2018 की उस घटना के बाद जब तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 में हुए परमाणु समझौते को रद्द कर दिया था और ईरान पर फिर से सख्त प्रतिबंध लगा दिए थे।
1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से अमेरिका और ईरान के संबंधों में कटुता बनी रही है, लेकिन वर्तमान आर्थिक संकट, महंगाई, बेरोजगारी और निवेश की कमी ने तेहरान को बातचीत की मेज पर लौटने के लिए प्रेरित किया है।
अगली बैठक 19 अप्रैल को ओमान में होने वाली है, जो यह तय करने में अहम भूमिका निभा सकती है कि यह वार्ता वास्तव में किसी ठोस समझौते की ओर बढ़ रही है या नहीं।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
