
जयपुर, 15 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को पूर्व मंत्री शांति धारीवाल से जुडे चर्चित एकल पट्टा मामले में सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थी रहे अशोक पाठक को पक्षकार बनाए जाने के मुद्दे पर बहस पूरी हो गई। बहस पूरी होने पर सीजे एमएम श्रीवास्तव ने फैसला बाद में देना तय किया। वहीं अदालत अब बुधवार को राज्य सरकार की रिवीजन याचिका में दोनों पक्षों को सुनेगी।
मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री शांति धारीवाल सहित अन्य के अधिवक्ताओं ने अशोक पाठक को पक्षकार बनाए जाने का विरोध किया। उनकी ओर से कहा गया कि आपराधिक मामले में किसी तीसरे पक्ष को पक्षकार नहीं बनाया जा सकता। वहीं पाठक की ओर से अधिवक्ता वागीश सिंह ने कहा कि मामला भ्रष्टाचार से जुडा है और यह अपराध किसी व्यक्ति विशेष के प्रति नहीं, बल्कि समाज के खिलाफ होता है। ऐसे में उन्हें मामले में पक्षकार बनने का अधिकार है। इस पर सीजे ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अशोक पाठक को सुना है। वहीं अदालत ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। दरअसल राज्य सरकार ने इस मामले में दो अर्जियां दायर की हैं। इनमें कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष दायर क्लोजर रिपोर्ट्स अधूरी व दोषपूर्ण साक्ष्यों पर की गई जांच के आधार पर थी। इसके चलते ही पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को क्लीन चिट दी गई थी। इसकी जांच के लिए गठित हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस आरएस राठौड की कमेटी ने भी मामले की समीक्षा कर दी रिपोर्ट कई गंभीर खामियां बताई थी। क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने में गंभीर चूक हुई थी। इसमें महत्वपूर्ण दस्तावेजों और ठोस सबूतों की अनदेखी की गई है। वहीं दूसरी अर्जी में कहा गया कि राज्य सरकार पूर्व सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के प्रार्थना पत्र को एसीबी कोर्ट की ओर से खारिज करने पर पेश रिवीजन को वापस लेना चाहती है।
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(Udaipur Kiran)
