
लखनऊ, 15 अप्रैल (Udaipur Kiran) । शिया पीजी कॉलेज में मंगलवार को अम्बेडकर के सपनों का भारत विषयक गोष्ठी में ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर का सपना तभी साकार होगा, जब समाज का हर वर्ग शिक्षित होगा। देश में शत-प्रतिशत साक्षरता प्राप्त की जाएगी। मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि शिया पीजी कॉलेज के प्रत्येक विभाग में डॉ. अम्बेडकर की शिक्षाओं पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जिससे छात्र अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकें। डॉ. भीमराव अम्बेडकर के विचारों से रूबरू हो सके।
भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करने जुटे विद्वानों में प्रो.आगा परवेज़ मसीह ने कहा कि डॉ.अम्बेडकर ने ऐसे भारत का सपना देखा था, जहाँ शिक्षा सभी के लिए सुलभ हो। समाज में किसी प्रकार का भेदभाव न हो। डॉ. अम्बेडकर के सपनों को साकार करने की दिशा में आज भी संघर्ष का दौर जारी है। युवाओं की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि वे सभी डॉ.अम्बेडकर के सपने को सच करें।
वक्ताओं की कड़ी में आगे कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शबीह रज़ा बाक़री ने कहा कि समाज के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त हों। यह डॉ. भीमराव अम्बेडकर का दृष्टिकोण था। उनकी यह सोच आज भी प्रासंगिक है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि गौतम राणे सागर ने कहा कि बाबा साहब एक प्रबुद्ध समाज को बनाने की कोशिश कर रहे थे। बिना शिक्षा का स्तर बढ़ाए प्रबुद्ध समाज नहीं बन सकता है। डॉ. अम्बेडकर ने सामाजिक न्याय और श्रमिकों (मजदूरों) के अधिकारों के लिए भी बहुत काम किया, ताकि समाज में किसी भी नागरिक के अधिकारों का हनन न हो।
विद्यांत पीजी कॉलेज के प्रो. ध्रुव त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और डॉ. अम्बेडकर की विचारधाराओं में मूल रूप से समानता थी, दोनों समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाना चाहते थे। वहीं प्रो.नरेन्द्र सिंह ने कहा कि आज प्रत्येक नागरिक को मतदान का समान अधिकार डॉ. अम्बेडकर की ही देन है। प्रो. मनोज पांडे ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर केवल दलितों और वंचितों की ही नहीं, बल्कि समूचे सर्वजन समाज की बात करते थे, जो भारतीय संविधान की प्रस्तावना में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। उनका दृष्टिकोण सामाजिक समरसता और आर्थिक समानता पर आधारित था।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अजीत सिंह के नेतृत्व में एनसीसी के कैड्टस, कालेज के छात्र-छात्राओं और शिक्षक-शिक्षिकाओं की उपस्थिति रही।
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(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र
