गुवाहाटी, 14 अप्रैल (Udaipur Kiran) । असम में सोमवार को गोरू बिहू के साथ रंगाली बिहू उत्सव की शुरुआत हो गई। यह पर्व असमिया नववर्ष और कृषि चक्र के नए सत्र का प्रतीक है।
गोरू बिहू के दिन किसान अपने मवेशियों को नहलाते हैं, उन्हें हल्दी और नई रस्सियों से सजाते हैं। यह परंपरा पशुओं के प्रति आभार और सम्मान को दर्शाती है।
कल यानी 15 अप्रैल को मनुह बिहू मनाया जाएगा, जिसमें लोग नए कपड़े पहनते हैं, बड़ों से आशीर्वाद लेते हैं और पारंपरिक भोजन का आनंद लेते हैं।
पूरे असम में बिहू गीतों और नृत्यों के कार्यक्रम हो रहे हैं। गुवाहाटी के सरूसजाई स्टेडियम समेत कई जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
बिहू उत्सव 7 दिन तक चलेगा और असम की संस्कृति, लोककला और समुदाय की एकता का प्रतीक बना रहेगा। इसके अलावा पूरे बैसाख महीने में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
