
हिसार व यमुनानगर में किए कार्यक्रम में विकास कार्य गिनवाए, विपक्ष को निशाने
पर रख
हिसार, 14 अप्रैल (राजेश्वर बैनीवाल)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साेमवार काे हरियाणा
में दो बड़े कार्यक्रम करके प्रदेश को हजारों करोेड़ की परियोजनाओं की सौगात दी है।
इन परियोजनाओं के साथ ही मोदी ने संदेश दिया कि भाजपा की कथनी व करनी में कोई अंतर
नहीं। हिसार व यमुनानगर में आयोजित कार्यक्रमों में उन्होंने भाजपा सरकार के विकास
कार्य गिनवाकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की पीठ थपथपाई वहीं वक्फ मसले पर कांग्रेस
को निशाने पर रखा।
महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डा, हिसार से उड़ान को मिलेंगे पंख
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डा, हिसार से हवाई
सेवाओं का भव्य शुभारंभ करते हुए अयोध्या के लिए पहली उड़ान को हरी झंडी दिखाई। हिसार
से अयोध्या के लिए सप्ताह में दो उड़ानें, हिसार-जम्मू, हिसार-अहमदाबाद, हिसार-जयपुर
और हिसार-चंडीगढ़ के लिए सप्ताह में तीन-तीन उड़ानें देश और हरियाणा के उड्डयन के क्षेत्र
में नया इतिहास रचेंगी। इसके साथ ही पीएम ने हिसार हवाई अड्डे के दूसरे चरण का शिलान्यास
किया, जिस पर 413 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह चरण 17 अप्रैल, 2027 तक पूरा होकर
37 हजार 790 वर्ग मीटर का भव्य पैसेंजर टर्मिनल, 2235 वर्ग मीटर का कारगो टर्मिनल और
एयर ट्रैफिक कंट्रोल भवन हरियाणा को गौरव प्रदान करेगा।
यमुनानगर में 800 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट की शानदार शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यमुनानगर में हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम
लिमिटेड की 800 मेगावाट की आधुनिक थर्मल पावर यूनिट का शिलान्यास किया। लगभग 233 एकड़
भूमि पर बनने वाली इस तीसरी इकाई पर 8469 करोड़ रुपये का निवेश होगा और 52 माह की समय-सीमा
में यह परियोजना पूरी होगी। माना जा रहा है कि मार्च 2029 तक इसका व्यावसायिक संचालन
शुरू होकर हरियाणा को ऊर्जा की स्वर्णिम रोशनी से आलोकित करेगा।
यमुनानगर में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोबरधन मिशन को बढ़ावा देते हुए यमुनानगर-जगाधरी
नगर निगम क्षेत्र के मुकरबपुर में 90 करोड़ की लागत से बीपीसीएल के सहयोग से कंप्रेस्ड
बायोगैस प्लांट की आधारशिला रखी। वर्ष 2027 तक पूर्ण होने वाली इस परियोजना की वार्षिक
उत्पादन क्षमता 2600 मीट्रिक टन होगी। यह प्लांट न केवल जैविक कचरे के प्रबंधन में
सहायक होगा, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक मील
का पत्थर सिद्ध होगा।
रेवाड़ी बाइपास:राज्य के विकास की दिशा में एक सशक्त कदम
इसके साथ ही रेवाड़ी बाइपास परियोजना का सफल क्रियान्वयन संपन्न हुआ है। भारतमाला
परियोजना के अंतर्गत हाइब्रिड एन्युइटी मोड पर 1069.42 करोड़ की लागत से निर्मित यह
14.4 किलोमीटर लंबा बाईपास अब वाणिज्यिक संचालन के लिए पूर्ण रूप से खोल दिया गया है।
यह बाईपास न केवल रेवाड़ी शहर के यातायात भार को कम करेगा, बल्कि दिल्ली से नारनौल
की यात्रा को एक घंटे तक कम कर, प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को नई गति
प्रदान करेगा।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
