Uttrakhand

नवजातों को सांस देने की तकनीक सिखाने हल्द्वानी में जुटे विशेषज्ञ

नवजातों को सांस देने की तकनीक सिखाने हल्द्वानी में जुटे विशेषज्ञ

हल्द्वानी, 14 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राजकीय मेडिकल कॉलेज में उन्नत नवजात पुनर्जीवन कार्यशाला का आयोजन किया गया। शुभारंभ प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जीएस तितियान, बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ऋतु रखोलिया एवं वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया ।

कार्यशाला के दौरान डॉ. ऋतु रखोलिया ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2030 तक देश की नवजात मृत्यु दर को एकल अंक में लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में नवजात शिशुओं की लगभग 25 से 30 प्रतिशत मौतें जन्म के बाद सांस न ले पाने, यानी प्रसवकालीन श्वासावरोध के कारण होती हैं।

डॉ. रखोलिया ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान गर्भजल का अधिक या कम होना, अथवा गर्भवती महिला को अत्यधिक स्वतःस्राव जैसी स्थितियां नवजात शिशु के लिए सांस लेने में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं। ऐसे में उन्नत नवजात तकनीकों की सहायता से इन शिशुओं को समय रहते बचाया जा सकता है। कार्यशाला में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों से आए बाल रोग विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राममूर्ति मेडिकल कॉलेज बरेली की विभागाध्यक्ष डॉ. वंदना नेगी, डॉ. रवि, डॉ. रवि सहाय, डॉ. साक्षी समेत अनेक विशेषज्ञ मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / अनुपम गुप्ता

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