
नाहन, 10 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जिला सिरमौर में बीते दिनों मवेशियों के अवशेष मिलने की घटना के बाद घुमंतू गुर्जर समुदाय पर की जा रही टिप्पणियों को लेकर अब समुदाय के लोग सामने आ गए हैं। उन्होंने साफ कहा है कि किसी भी घटना से उन्हें जोड़ना न केवल गलत है, बल्कि एक शांतिप्रिय समुदाय के खिलाफ भ्रामक माहौल बनाने का प्रयास है।
गुर्जर समुदाय से जुड़े युवाओं ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हिमाचल-उत्तराखंड बॉर्डर पर मवेशियों के अवशेष मिलने के बाद कुछ विशेष संगठनों और व्यक्तियों द्वारा सोशल मीडिया पर घुमंतू गुर्जरों को निशाना बनाते हुए उन्हें बांग्लादेशी, पाकिस्तानी और रोहिंग्या तक बताया गया, जो कि पूरी तरह से निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि घुमंतू गुर्जर सदियों से यहां रहकर दूध उत्पादन जैसे पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े हैं और शांति से जीवन यापन कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे भी गाय को मां मानते हैं और सबसे अधिक गौ-पालन उन्हीं के समुदाय में होता है।
पूर्व बीडीसी सदस्य फरीद खान ने बताया कि इस मामले में बाहरी राज्यों के कुछ लोगों को पुलिस ने पकड़ा है, बावजूद इसके स्थानीय घुमंतू गुर्जरों को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर क्षेत्र का सौहार्दपूर्ण माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
समुदाय ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे भड़काऊ बयान देने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि किसी निर्दोष को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए।
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(Udaipur Kiran) / जितेंद्र ठाकुर
