इस्लामाबाद, 09 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान की एक आतंकवाद-रोधी अदालत (एटीसी) ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 12 अप्रैल को जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) हमले से जुड़े मामले में अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। यह आदेश ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को इस मामले की कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
यह मामला 09 मई 2023 को हुए हिंसक प्रदर्शनों से जुड़ा है, जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी के विरोध में पार्टी समर्थकों ने देशभर में उग्र प्रदर्शन किए थे। इस दौरान उन्होंने रावलपिंडी स्थित सेना के मुख्यालय जीएचक्यू को निशाना बनाते हुए हमला कर दिया था। उस दिन कई सैन्य और सरकारी परिसरों में तोड़फोड़ की गई थी, जिसे देश की सैन्य प्रतिष्ठा के खिलाफ एक अभूतपूर्व कार्रवाई माना गया।
रावलपिंडी की एंटी टेररिज्म कोर्ट (एटीसी) के जज अमजद अली शाह ने इस मामले की सुनवाई के दौरान इमरान खान के अलावा 119 अन्य आरोपितों को भी समन जारी किया है। इनमें पीटीआई के वरिष्ठ नेता शाह महमूद कुरैशी और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि इमरान खान इस समय कई मामलों में जेल में बंद हैं और उन पर देशद्रोह, भ्रष्टाचार, और हिंसा भड़काने जैसे गंभीर आरोप लगे हुए हैं। जीएचक्यू हमले का मामला उनके खिलाफ सबसे संवेदनशील मामलों में गिना जा रहा है क्योंकि इसमें देश की सुरक्षा व्यवस्था और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया था।
इस मामले की सुनवाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुँच रही है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में टिप्पणी की थी कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, इसे लंबित रखना न्याय के साथ खिलवाड़ होगा और साथ ही यह भी कहा कि कानून सभी के लिए समान है, चाहे वह आम नागरिक हो या पूर्व प्रधानमंत्री।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
