
नई दिल्ली, 09 अप्रैल (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करके दिल्ली सरकार में मंत्रियों की वर्तमान संख्या सात से बढ़ाने की मांग की गई है। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को करने का आदेश दिया।
यह याचिका आकाश गोयल ने दायर की है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील कुमार उत्कर्ष ने कहा कि दिल्ली सरकार में 38 विभाग हैं और मंत्री केवल सात हैं, जबकि दिल्ली में विधायकों की संख्या 70 है। याचिका में गोवा का हवाला दिया गया है, जहां 40 विधायक होने के बावजूद 12 मंत्री हैं। यही बात सिक्किम में भी हैं, जहां 32 विधायक हैं, लेकिन दिल्ली में विधायकों की संख्या ज्यादा होने के बावजूद मंत्रियों की संख्या कम है। याचिका में संविधान के अनुच्छेद 239एए को चुनौती दी गई है, जिसके प्रावधानों के तहत दिल्ली में उसके विधायकों की संख्या का दस फीसदी ही मंत्री हो सकते हैं।
याचिका में कहा गया है कि संविधान का ये प्रावधान मनमाना है और ये संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है। ये प्रावधान संघवाद, लोकतांत्रिक शासन और प्रशासनिक सक्षमता को कमजोर करता है। याचिका में कहा गया है कि दूसरे केंद्रशासित प्रदेशों की तरह दिल्ली को नहीं माना गया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दिल्ली को दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों की तरह नहीं माना जा सकता है, क्योंकि संविधान में दिल्ली के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। दिल्ली में केंद्र और राज्य के बीच साझेदारी से प्रशासन चलता है। अगर संविधान में दिल्ली के लिए विशेष प्रावधान है, तो उसे दूसरे केद्रशासित राज्यों से कैसे तुलना की जा सकती है।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह
