Uttar Pradesh

पीएम मुद्रा योजना से 2024-25 में यूपी के 47 लाख लाभार्थी हुए सशक्त

पीएम मुद्रा लोन के माध्यम से बिना गारंटी ऋण, स्वरोजगार को मिल रहा बढ़ावा

लखनऊ, 9 अप्रैल (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के 10 वर्ष पूरे होने पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनिंदा लाभार्थियों से संवाद कर योजना से उनकी जिंदगी में आए बदलावों के बारे में जाना था। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी मुद्रा योजना को प्रदेश में विधिवत लागू कर लाखों उद्यमियों की जिंदगी में क्रांतिकारी बदलाव लाने का प्रयास किया है।

उत्तर प्रदेश में इस योजना की सफलता एक मिसाल बन गई है। इस योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 21 मार्च तक प्रदेश में कुल 46.92 लाख लाभार्थियों को 49,501 करोड़ रुपये का ऋण प्रदान किया गया। इनमें से बैंकों द्वारा 30.76 लाख खाताधारकों को 37,875 करोड़ रुपये, जबकि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसीएस) ने 16.16 लाख लोगों को 11,626 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है।

प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि आठ अप्रैल 2015 को शुरू की गई इस योजना ने छोटे व्यापारियों, स्टार्टअप्स और स्वरोजगार करने वालों के लिए नई उम्मीदें जगाई हैं। योगी सरकार के विशेष प्रयासों से यह योजना प्रदेश में प्रभावी ढंग से लागू हुई और लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया। प्रदेश में मुद्रा योजना का लाभ मुख्य रूप से छोटे उद्योगों, कृषि आधारित व्यवसाय, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, खुदरा व्यापार और सेवा क्षेत्रों से जुड़े लोगों को मिला है। महिला उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग और दिव्यांगजनों को भी प्राथमिकता दी गई।

केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2024 में मुद्रा योजना की ऋण सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया। इस फैसले से छोटे उद्यमियों को बड़े स्तर पर कारोबार विस्तार का अवसर मिला। ऋण प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को क्यूआर कोड, पॉस (पीओएस) मशीन, यूपीआई पेमेंट जैसे डिजिटल टूल्स को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया है। इससे ई-कॉमर्स, ऑनलाइन व्यापार और डिजिटल बैंकिंग सेवाओं को बढ़ावा मिला है।

मुद्रा योजना ने न सिर्फ युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया, बल्कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आर्थिक विकास की गति को भी बढ़ाया। विगत 10 वर्षों में इस योजना ने बेरोजगारी में कमी, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में बड़ी भूमिका निभाई है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की नियमित निगरानी और समीक्षा की वजह से योजना का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंच रहा है। बैंकिंग संस्थानों के सहयोग और सरकार की प्रतिबद्धता से यह योजना आर्थिक सशक्तिकरण का मजबूत माध्यम बन चुकी है। योगी सरकार के प्रयास, बैंकिंग तंत्र का सहयोग और उद्यमियों की मेहनत से यह योजना न केवल प्रदेश में सफल हुई है, बल्कि लाखों लोगों के जीवन में आत्मनिर्भरता की ज्योति भी जला रही है।

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(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला

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