Jammu & Kashmir

डोगरी संस्था जम्मू ने विशेष डोगरी मुशायरा का आयोजन किया

Dogri Sanstha Jammu organized a special Dogri Mushaira

जम्मू, 8 अप्रैल (Udaipur Kiran) । डोगरी संस्था जम्मू ने कुंवर वियोगी ऑडिटोरियम, डोगरी भवन, कर्ण नगर, जम्मू में एक विशेष डोगरी मुशायरा का आयोजन किया। इस अवसर पर पद्मश्री डॉ. जितेंद्र उधमपुरी मुख्य अतिथि थे, वरिष्ठ साहित्यकार प्रकाश प्रेमी विशेष अतिथि थे, जबकि डोगरी संस्था जम्मू के प्रधान पद्मश्री प्रोफेसर ललित मगोत्रा ​​ने समारोह की अध्यक्षता की। कविता पाठ करने वाले कवियों में पद्मश्री डॉ. जितेंद्र उधमपुरी, पद्मश्री प्रो. ललित मगोत्रा, प्रकाश प्रेमी, इंद्रजीत केसर, अशोक अंगुराना, पूर्ण चंद्र शर्मा, दीपक अर्सी, बिशन सिंह ‘दर्दी’, बृजमोहन, प्रोमिला मन्हास, अशोक खजूरिया, रणधीर सिंह रायपुरिया, पवन वर्मा, अब्दुल कादिर कुंदरिया, आशुतोष पराशर, डॉ. तरसेम कुमार, जगमोहन शर्मा, डॉ. नरेंद्र भारती, पंकज शर्मा, रजनी थापा, नेहा शर्मा, मीनाक्षी केसर और अभिनंदन शर्मा शामिल थे।

मुख्य अतिथि डॉ. जितेंद्र उधमपुरी ने इस तरह के मुशायरे के आयोजन के लिए डोगरी संस्था जम्मू की सराहना करते हुए कहा कि काव्य सम्मेलन साहित्य को बढ़ावा देने में मदद करते हैं और नए प्रवेशकों को क्षेत्र के दिग्गजों से मूल बातें सीखने में मदद करते हैं। ये साहित्यिक सम्मेलन आंदोलन के लिए आवश्यक हैं और आशा है कि यह भविष्य में भी नियमित अंतराल पर जारी रहेगा। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रकाश प्रेमी ने कहा कि डोगरी संस्था एक अग्रणी साहित्यिक संस्था है तथा 1944 में अपने गठन के बाद से ही मातृभाषा डोगरी तथा डुग्गर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से शामिल रही है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मुशायरों का हिस्सा बनना हमेशा खुशी की बात होती है, जिसमें स्थापित कवि भाग लेते हैं तथा वरिष्ठ और युवा कवियों के मिश्रण से माहौल उत्साहपूर्ण होता है।

प्रो. ललित मगोत्रा ​​ने डोगरी संस्था जम्मू की ओर से सभी का स्वागत करते हुए कहा कि संस्था मातृभाषा डोगरी के संरक्षण तथा संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है तथा कवि सम्मेलन इस मिशन में बहुत सहायक होते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि संस्था द्वारा क्षेत्र के विभिन्न भागों तथा यहां तक ​​कि सुदूर क्षेत्रों में नियमित अंतराल पर आयोजित मुशायरों ने भाषा के संवर्धन में बहुत सहायता की है। उन्होंने कहा कि हालांकि डोगरी साहित्य सभी विधाओं में बहुत समृद्ध है, लेकिन अतीत में मुशायरे हमेशा सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों की संख्या में भीड़ खींचने में सफल रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वर्तमान समय में भी गौरवशाली अतीत पुनर्जीवित होगा। उन्होंने मुशायरे को अपनी अनूठी प्रस्तुतियों से नई ऊंचाइयां देने के लिए सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और आश्वासन दिया कि संस्था पाक्षिक ऑनलाइन कवि गोष्ठियों के अलावा इसे ऑफलाइन भी नियमित बनाएगी। पवन वर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया। मुशायरे में कई साहित्यकार, साहित्यकार और डोगरी प्रेमी शामिल हुए।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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