
नई दिल्ली, 08 अप्रैल (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने एक न्यूज एजेंसी के बारे में प्रोपेगेंडा टूल करने वाली सूचना संपादित करने वाले हिस्से को हटाने का विकिपीडिया को निर्देश देने वाली सिंगल बेंच के आदेश पर मुहर लगा दी है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच ने संबंधित न्यूज एजेंसी के पेज पर किसी भी संपादन पर लगी रोक के सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी है।
डिवीजन बेंच ने कहा कि विकिपीडिया संबंधित न्यूज एजेंसी से संबंधित मानहानि वाले कंटेंट हटाएगी। कोर्ट ने कहा कि अगर संबंधित न्यूज एजेंसी के बारे में फिर इसी तरह का मानहानि वाला कंटेंट संपादित किया जाता है और न्यूज एजेंसी इस संबंध में किसी भी प्रकार की शिकायत करती है तो विकिपीडिया इस पर कानून के मुताबिक तुरंत कार्रवाई करेगा।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की सिंगल बेंच ने दो अप्रैल को विकिपीडिया को निर्देश दिया था कि वो न्यूज एजेंसी के बारे में प्रोपेगेंडा टूल करने वाली सूचना संपादित करने वाले हिस्से को हटाए। ये आदेश दिया था। पांच सितंबर, 2024 को सिंगल बेंच ने विकिपीडिया के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया था। सिंगल बेंच ने कहा था कि अगर आगे कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं होगा तो हम कड़ाई से निपटेंगे। न्यूज एजेंसी ने आरोप लगाया था कि विकिपीडिया वेबसाइट पर उनके बारे में सूचना दी गई है कि वो सरकार का प्रोपेगैंडा टूल है। इस पर हाई कोर्ट ने विकिपीडिया को आदेश दिया था कि वो इस सूचना को लिखने वाले यूजर का खुलासा करें लेकिन विकिपीडिया ने यूजर का खुलासा नहीं किया।
हाई कोर्ट ने जुलाई 2024 में विकिपीडिया को नोटिस भेजकर कहा था कि आपको न्यूज एजेंसी का विवरण संपादित करने वाले का नाम बताना चाहिए। अगर आप नाम नहीं बताएंगे तो न्यूज एजेंसी की ओर से दाखिल याचिका में उसका पक्ष कैसे जाना जा सकता है। हाई कोर्ट ने ये तब कहा था जब विकीपीडिया ने कहा कि कोर्ट का नोटिस तामील करने की सूचना संबंधित न्यूज एजेंसी को दी जाएगी लेकिन इसमें यूजर की पहचान की जानकारी नहीं होगी। ऐसा होने पर यूजर्स की गोपनीयता सार्वजनिक नहीं होगी और कोर्ट को संबंधित यूजर्स की पूरी जानकारी भी मिल जाएगी।
(Udaipur Kiran) /संजय
(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह
