Madhya Pradesh

प्रसिद्ध लोक कलाकार पद्मश्री राम सहाय पांडे का निधन, सम्मान के साथ पंचतत्व में हुए लीन

जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन एवं जिले वासियों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

– जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन एवं जिले वासियों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

सागर, 8 अप्रैल (Udaipur Kiran) । प्रसिद्ध लोक कलाकार पद्मश्री रामसहाय पांडे का मंगलवार को निधन हो गया। वे लम्बे समय से बीमार थे। मंगलवार प्रातः सागर के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके निधन पर जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन और आम नागरिकों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। बुंदेलखंड के गौरव पद्मश्री रामसहाय पांडे को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। पद्मश्री रामसहाय पांडे को उनके बड़े पुत्र संतोष पांडे ने मुखाग्नि दी। वे अपने पीछे चार बेटे और पांच बेटियों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए।

सागर विधायक शैलेंद्र जैन, जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत, नगर निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार, महापौर प्रतिनिधि सुशील तिवारी, श्याम तिवारी, आकाश सिंह राजपूत, सुधीर यादव, जिला प्रशासन की ओर से अपर कलेक्टर रुपेश उपाध्याय, एसडीएम आदिति यादव, तहसीलदार प्रवीण पाटीदार, संस्कृति मंत्रालय भोपाल की ओर से डॉ. जुगलकिशोर नामदेव, प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जगत के साथी सहित आम नागरिकों ने पुष्प गुच्छ अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

मशहूर लोक नृत्य कलाकार एवं पद्मश्री सम्मान से सम्मानित स्वर्गीय राम सहाय पांडे के निधन पर संभाग कमिश्नर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि स्वर्गीय पांडे का जाना समूचे बुंदेलखंड सहित मध्यप्रदेश के सांस्कृतिक जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है। उन्होंने कहा कि हमने एक युग अनुभवी संस्कृति की जानकारी रखने वाले लोक संस्कृति के संवाहक को खो दिया है। वहीं, कलेक्टर संदीप जी आर ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि लोक संगीत और परंपरा के संवाहक रहे राम सहाय पांडे के निधन से क्षेत्रीय लोक संस्कृति को अपूर्णीय क्षति हुई है। लोक संस्कृति ने अपना एक अनमोल रत्न खो दिया है।

राम सहाय पांडे (जन्म 11 मार्च 1933) मध्य प्रदेश के सागर के एक राई नर्तक थे। राई नृत्य पारंपरिक रूप से बेड़िया समुदाय से जुड़ा हुआ था। इस तथ्य के बावजूद कि वे समुदाय के सदस्य नहीं थे, उन्होंने अपना पूरा जीवन राई नृत्य के अभ्यास और प्रदर्शन के लिए और नृत्य शैली को स्वीकृति और सम्मान दिलाने के लिए समर्पित कर दिया। उनके अथक प्रयासों से इस नृत्य शैली को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने में मदद मिली। राई नृत्य शैली मूल रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र का एक लोक नृत्य है।

प्रदेश की लोक संस्कृति के विकास के लिए अपने जीवन को समर्पित करते हुए उन्हें वर्ष 2022 में भारत सरकार ने कला में उनके योगदान के लिए राम सहाय पांडे को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। वे 1980 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित आदिवासी लोककला परिषद के सदस्य चुने गए। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ’’नृत्य शिरोमणि’’ की उपाधि से सम्मानित हुए, उन्हें वर्ष 1984 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शिखर सम्मान से सम्मानित भी किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने व्यक्त किया शोक

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सागर जिला निवासी अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोकनृत्य कलाकार पद्मश्री रामसहाय पांडे के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि राम सहाय पांडे ने विपरीत परिस्थितियों में कला क्षेत्र को अपनाया और धारा के विपरीत बहते हुए इस क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां अर्जित कीं। भारत के साथ अन्य देशों में भी उन्होंने बुंदेलखंड के राई लोक नृत्य को पहचान दिलवाई। उनके योगदान को रेखांकित करते हुए भारत सरकार द्वारा पांडे को पद्मश्री से अलंकृत किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बुंदेलखंड के गौरव, लोकनृत्य राई को वैश्विक पहचान दिलाने वाले लोक कलाकार पद्मश्री पांडे का निधन मध्य प्रदेश और कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। लोक कला एवं संस्कृति को समर्पित उनका सम्पूर्ण जीवन हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने स्व. पांडे को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी आत्मा की शांति और शोकाकुल परिवार को यह दुख सहने करने की सामर्थ्य देने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

(Udaipur Kiran) तोमर

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