West Bengal

एसएससी कार्यालय में सांसद अभिजीत गांगुली और उनके साथियों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप, शिक्षामंत्री ने किया तंज

पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु

कोलकाता, 08 अप्रैल (Udaipur Kiran) । पश्चिम बंगाल में एसएससी (स्कूल सर्विस कमीशन) भर्ती घोटाले से प्रभावित उम्मीदवारों के हक की लड़ाई तेज होती जा रही है। मंगलवार को हाई कोर्ट के पूर्व जज और वर्तमान में भाजपा के सांसद अभिजीत गांगुली प्रभावित अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ एसएससी कार्यालय पहुंचे। उनका मकसद आयोग के चेयरमैन से मिलकर भर्ती से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करना था। लेकिन वहां उनके साथ हुए व्यवहार ने नया विवाद खड़ा कर दिया है।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का आरोप है कि आयोग के चेयरमैन से मिलने का अवसर तो मिला ही नहीं, उल्टा एसएससी सचिव ने उन्हें स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि वह इस मामले में कुछ सुनने के इच्छुक नहीं हैं। इस व्यवहार से नाराज़ होकर सांसद और उनके साथियों ने कार्यालय के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए अपनी नाराज़गी जाहिर की।

घटना के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रतिनिधि मंडल में शामिल रहे अधिवक्ता कौस्तव बागची ने कहा कि एक सांसद के साथ इस प्रकार का व्यवहार बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। सचिव ने साफ कह दिया कि वह इस विषय में सुनने के इच्छुक नहीं हैं। क्या यह लोकतंत्र का अपमान नहीं है ? हम कल फिर से अपनी मांगों के साथ एसएससी कार्यालय लौटेंगे और जवाब मांगेंगे।

सांसद अभिजीत गांगुली, जो पहले एक न्यायाधीश रहे हैं, ने प्रभावित अभ्यर्थियों की आवाज़ को मजबूती से उठाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि नियुक्ति में धांधली से पीड़ित उम्मीदवारों को न्याय दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता है। इस मुद्दे पर वह किसी भी स्तर पर संघर्ष करने को तैयार हैं।

इस पूरे घटनाक्रम के बीच राज्य के शिक्षामंत्री ब्रात्य बसु ने अभिजीत गांगुली पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब वह न्यायाधीश थे तब राजनीतिक नेताओं जैसी भाषा बोलते थे, अब सांसद बनने के बाद न्यायाधीशों जैसी बातें कर रहे हैं। सुना है कि एक समय वह अभिनेता बनना चाहते थे! क्या उन्हें यह पता नहीं है कि किस समय कैसी भूमिका निभानी चाहिए?

(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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