दुशांबे, 07 अप्रैल (Udaipur Kiran) । ताजिकिस्तान सरकार ने बिजली की चोरी या मीटर से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए अवैध बिजली उपयोग पर 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान किया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब मध्य एशिया का यह आर्थिक तौर पर कमजोर देश दशकों से जल संकट और ऊर्जा संकट से जूझ रहा है। देश की 95 प्रतिशत बिजली जलविद्युत संयंत्रों से आती है, लेकिन पानी की कमी और पुरानी ऊर्जा संरचना के चलते ताजिकिस्तान में हर साल लगभग छह महीने बिजली की आपूर्ति सीमित कर दी जाती है।
देश के ऊर्जा और जल संसाधन मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा करते हुए कहा कि अब बिजली उपयोग नियमों के उल्लंघन पर आपराधिक दंड लगाया जाएगा। इस फैसले की सूचना स्थानीय मीडिया द्वारा सोमवार को रिपोर्ट की गई।
नए नियमों के तहत, मीटर को बायपास करना या छेड़छाड़ करना एक गंभीर अपराध माना जाएगा, और दोषियों को 10 साल तक की सजा हो सकती है।
न्याय मंत्री रुस्तम शोएमुरोद ने कहा कि मीटर रीडिंग से छेड़छाड़ देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए खतरा है।
राष्ट्रपति इमोमाली रखमोन, जो 1992 से सत्ता में हैं, ने मार्च में बिजली के अव्यवस्थित उपयोग पर चिंता जताई थी। उन्होंने रोगुन जलविद्युत परियोजना को ऊर्जा संकट का समाधान बताया, जिसकी परिकल्पना सोवियत युग में की गई थी, लेकिन अब इसकी लागत 6 अरब डॉलर से अधिक हो चुकी है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
