HEADLINES

जयपुर बम कांड के दौरान जिंदा मिले बम को लेकर फैसला मंगलवार को

कोर्ट

जयपुर, 7 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जयपुर बम कांड मामलों की विशेष अदालत ने 13 मई, 2008 को शहर में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बीच चांदपोल हनुमान मंदिर के पास जिंदा मिले बम के मामले में आरोपी शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान और सरवर आजमी को मंगलवार को सजा सुनाएगी। अदालत ने चारों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता, विस्फोटक अधिनियम और विधि विरूद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में 4 अप्रैल को दोषसिद्ध कर चुकी है। गत सुनवाई को अदालत ने पूर्व में जमानत पर रिहा हुए शाहबाज हुसैन और सरवर आजमी को न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया था।

अदालत ने चारों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121ए, 307 और 153ए के साथ ही विस्फोटक अधिनियम की धारा 4, 5 और 6 सहित यूएपीए एक्ट की धारा 13 और 18 में दोषी माना है। इन धाराओं में अधिकतम आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।

मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक सागर तिवाडी ने बताया कि मामले में 112 गवाहों के बयान दर्ज कराते हुए करीब 1200 दस्तावेजों को पेश किया गया है। वहीं अन्य गवाहों के साथ पूर्व एडीजी एके जैन, मीडियाकर्मी प्रशांत टंडन और साइकिल कसने वाले दिनेश महावर को गवाह बनाया है। जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता मिनहाजुल हक ने कहा कि घटना के तथ्य मूल घटना के समान है और उस मामले में हाईकोर्ट उन्हें बरी कर चुका है। इसलिए उन्हें इस मामले में भी बरी किया जाए।

मूल केस में बरी हो चुके हैं आरोपी

बम कांड के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों के साथ ही एक अन्य को गिरफ्तार किया था। विशेष अदालत ने 18 दिसंबर, 2019 को शाहबाज हुसैन को बरी करते हुए शेष चारों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी। वहीं हाईकोर्ट ने मार्च, 2023 में चारों आरोपियों की फांसी को सजा को रद्द करते हुए उन्हें दोषमुक्त कर दिया था और एक आरोपी को नाबालिग माना था। विशेष न्यायालय के फैसले के करीब आठ माह बाद अभियोजन पक्ष ने चांदपोल हनुमान मंदिर के पास मिले जिंदा बम को लेकर आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था। आरोप पत्र में मूल मामले के तथ्यों को दोहराते हुए समान धाराएं रखी गई थी।

—————

(Udaipur Kiran)

Most Popular

To Top