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कोटड़ा में रामनवमी पर निकली भव्य शोभायात्रा

कोटड़ा में रामनवमी पर निकली भव्य शोभायात्रा, भारतीय संस्कृति के संरक्षण का दिया संदेश

उदयपुर, 6 अप्रैल (Udaipur Kiran) । उदयपुर जिले के जनजाति बहुल क्षेत्र कोटड़ा में रामनवमी के पावन अवसर पर रविवार को शोभायात्रा निकाली गई। यह शोभायात्रा पीपलेश्वर महादेव मंदिर से प्रारंभ होकर अस्पताल चौराहा, प्रजापत मोहल्ला, मुख्य बाजार, सोनी बाजार, कोतवाली, शीतला माता मंदिर, पंचायत समिति होते हुए गांधी मैदान पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हुई। नववर्ष समाजोत्सव समिति के तत्वावधान में आयोजित इस शोभायात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

शोभायात्रा में सिर पर कलश धारण किए बालिकाएं, ढोल-नगाड़ों की थाप पर नृत्य करती युवतियां, महापुरुषों की झांकियां, भजन मंडलियां और डीजे की धुन पर थिरकते युवाओं ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। गांव-गांव से आए बालक-बालिकाओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर वातावरण को धर्ममय कर दिया। लोकगीत ‘चेतिया रहजो’ के माध्यम से धर्मांतरण कर रहे तत्वों को चेतावनी देते हुए समाज को सजग रहने का संदेश भी दिया गया।

धर्मसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उदयपुर विभाग प्रचारक धनराज ने भारतीय नववर्ष और रामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही ऋतु परिवर्तन, नई फसलें, पेड़-पौधों पर नई पत्तियां आना जैसे प्राकृतिक संकेत भारतीय नववर्ष की पावनता को सिद्ध करते हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी सभ्यता का अंधानुकरण कर हम 1 जनवरी को नया वर्ष मनाते हैं, जबकि उस समय प्रकृति में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होता।

बड़ीसादड़ी स्थित गोपाल पुरुषोत्तम आश्रम के पीठाधीश सुदर्शनाचार्य महाराज ने संबोधन में कहा कि सनातन संस्कृति में जातिवाद जैसी कोई भावना नहीं थी। भगवान राम ने भी अपने वनवास के समय सबसे पहले जनजाति समाज की शबरी माता के जूठे बेर खाकर सामाजिक समरसता का परिचय दिया। उन्होंने आह्वान किया कि जन्मदिवस तिथि के अनुसार मनाएं, मोमबत्ती नहीं, दीपक प्रज्वलित करें, बच्चों की दीर्घायु की कामना करें और भारतीय परंपराओं को पुनः जीवित करें। धौलागढ़ धाम के प्रकाशनाथ महाराज, हिंदू समाज अध्यक्ष पूरणमल प्रजापत, कार्यक्रम संयोजक सुरेश कुमार खैर आदि ने धर्मसभा को संबोधित किया। मंच संचालन सवजीराम खैर ने किया।

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(Udaipur Kiran) / सुनीता

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