Madhya Pradesh

अशोकनगर: श्री आनन्दपुर के परमार्थ में प्रधानमंत्री मोदी का आगमन

अशोकनगर: मालवा और बुंदेलखण्ड के प्रवेश द्वार पर प्रधानमंत्री आगमन से अनेकों जनअपेक्षायें

अशोकनगर, 05 अप्रैल (Udaipur Kiran) । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगामी 11 अप्रैल को जिले के प्रसिद्ध श्री आनन्दपुर धाम आने की तैयारियां जोरों पर। यह सभी तैयारियां जिले के ईसागढ़ कस्बा अंतर्गत श्री परमहंस अद्वैत मत श्री आनन्दपुर धाम में की जा रही हैं। यह पहला ही समय है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां आकर इतिहास लिखने जा रहे हैं। उनके आगमन को लेकर शनिवार को महाराज गंज(बिहार) के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल भी श्री आनन्दपुर आकर तैयारियों का जायजा लेने आएवहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव एक दिन पूर्व तैयारियों का जायजा लेने आ चुके हैं।

दरअसल श्री परमहंस अद्वैत मत का श्री आनन्दपुर धाम विश्व मुख्यालय है। जिनके अनुयायी देश-दुनिया में हैं। यहां श्री आनन्दपुर धाम में वर्ष में दो बार बैशाखी पर्व पर मेला आयोजित होता है, जिस में देश-दुनिया से अनुयायी/शिष्य, गुरु जी से आशीर्वाद लेने संगत के रूप में आते हैं। इसी अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बैशाखी पर्व पर श्री आनन्दपुर आ रहे हैं। यहां तैयारियों को लेकर देखें तो श्री आनन्दपुर में बैशाखी पर्व पर आयोजित होने वाली संगत के बैठने के लिए करीब 65-70 हजार लोगों के एक साथ बैठक व्यवस्था है। जहां धाम के षष्टम पादशाही गुरू महाराज के समक्ष प्रधानमंत्री मोदी की चर्चा होने और आशीर्वाद लेने को लेकर सभी सुरक्षा प्रबंध किए जा रहे हैं।

यहां ये भी बता दें कि महाराज गंज(बिहार) के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल जो कि श्री परमहंस अद्वैत मत श्री आनन्दपुर धाम के बढ़े अनुयायी हैं और जिन्हें प्रधानमंत्री का नजदीकी माना जाता है, जिस कारण से प्रधानमंत्री के आगमन से पूर्व उनका श्री आनन्दपुर धाम तैयारियों का जायजा लेने आगमन हुआ।

यहां बता दें कि श्री परमहंस अद्वैत मत श्री आनन्दपुर धाम की स्थापना प्रथम पादशाही श्री अद्वैत आनन्द जी महाराज ने की थी, जिन्हें परमहंस दयाल जी के नाम से भी जानते हैं। श्री आनन्दपुर की स्थापना 1939 में हुई, जिसका विस्तार 1964 में पूरा हुआ। यहां यह भी उल्लेखनीय हो कि श्री आनन्दपुर के प्रथम पादशाही मूल रूप से छपरा(बिहार) के रहने वाले थे, जिनके द्वारा बचपन में घर त्याग कर जंगलों में एकांतवास कर साधनायें कीं। बताते हैं कि प्रथम पादशाही श्री अद्वैत आनन्द जी महाराज की तत्कालीन समय ईसागढ़ के सेठ पन्नालाल जी से आगरा में मुलाकात हुई थी। उनके अनुरोध पर उनके घर आने और निकट विशाल आश्रम बनाने का वायदा पहले पादशाही जी के द्वारा किया गया था। जो आज जिले में ही नहीं देश-दुनिया में अपनी ख्याति के लिए प्रसिद्ध है।

जिले में ही जन्में वर्तमान षष्टम पादशाही

श्री आनन्दपुर में प्रथम पादशाही के बाद जो पादशाही हुए उन में द्वितीय पादशाही के रूप में स्वामी स्वरूपानन्द जी महाराज, तृतीय पादशाही के रूप में स्वामी वैराग्य आनन्द जी महाराज, चतुर्थ पादशाही के रूप में स्वामी बेअंत आनन्द जी महाराज, पंचम पादशाही के रूप में स्वामी दर्शन पूर्ण आनन्द जी महाराज विराजित हुए। यहां विशेष बात ये है कि तृतीय और चतुर्थ पादशाही का जन्म अविभाजित हिन्दुस्थान के बन्नू में हुआ, पंचम पादशाही का अमृतसर में हुआ। वहीं सबसे विशेष बात की वर्तमान में जो षष्ठम पादशाही विचार पूर्ण आनन्द जि हैं, उनका जन्म जिले के ईसागढ़ कस्बा अंतर्गत श्री आनन्पुर में ही हुआ, उनके माता-पिता पूरा परिवार श्री आनन्दपुर के लिए समर्पित रहा।

श्री आनन्दपुर ट्रस्ट एवं उद्देश्य

श्री परमहंस अद्वैत मत का श्री आनन्दपुर धाम विश्व मुख्यालय है, इसके अलावा श्री प्रयागधाम पुणे, श्री संतनगर धौलपुर अन्य देश-विदेश में आश्रम।

श्री आनन्दपुर की गतिविधियों में पूजन- आराधन, सत्संग, चिकित्सा सेवा, शैक्षणिक सेवा, योग एवं प्रकृतिक चिकित्सा, आश्रम, गौशालायें आदि शामिल हैं।

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(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार

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