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कैश कांड में चर्चित जस्टिस यशवंत वर्मा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में ली शपथ

इलाहाबाद हाईकाेर्ट्

-हाईकोर्ट बार को नहीं दी गई जानकारी, बार ने शपथ ग्रहण की भर्त्सना की, कहा उसे स्वीकार नहीं

प्रयागराज, 05 अप्रैल (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर दिल्ली में कैश कांड को लेकर चर्चित जस्टिस यशवंत वर्मा के शपथ ग्रहण का विरोध किया है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव की तरफ से चीफ जस्टिस को लिखे पत्र में कहा गया है कि जस्टिस यशवंत वर्मा को शपथ ग्रहण कराने से पूर्व बार एसोसिएशन को कोई जानकारी नहीं दी गई। उसे शपथ ग्रहण होने की भनक तक नहीं लगी।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव विक्रांत पांडेय ने चीफ जस्टिस को भेजे अपने पत्र में कहा है कि उन्हें बताया गया कि यहां तक कि हाईकोर्ट के अधिकांश जजों को भी शपथ ग्रहण की सूचना नहीं दी गई। पत्र में कहा गया है कि इस प्रकार का शपथ ग्रहण अविधिक एवं गैर परम्परागत होने के कारण अस्वीकार है। बार एसोसिएशन ने इस प्रकार से गुपचुप तरीके से शपथ ग्रहण कराने की निंदा की है तथा चीफ जस्टिस इलाहाबाद हाईकोर्ट से अनुरोध किया है कि जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई भी न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्य न सौंपें।

आज के इस पत्र की कापी देश के प्रधानमंत्री, भारत सरकार के गृह मंत्री, केन्द्रीय कानून मंत्री, यूपी के मुख्यमंत्री तथा लखनऊ बेंच के सभी न्यायाधीशाें को भेजा गया है।

मालूम हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने पिछले सप्ताह प्रस्ताव पारित कर निर्णय लिया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील जस्टिस यशवंत वर्मा के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होंगे। दिल्ली हाईकोर्ट से जस्टिस यशवंत वर्मा का तबादला सुप्रीम कोर्ट की संस्तुति पर केन्द्र सरकार ने किया है। कैश कांड में बढ़ते विवादों के चलते उनका उनके मूल हाईकोर्ट इलाहाबाद में तबादला कर दिया गया है। अभी तक की परम्परा में जब भी कोई जज हाईकोर्ट में शपथ ग्रहण करता है तो इसमें सभी न्यायाधीशों के अलावा बार एसोसिएशन, मीडिया व अन्य अधिकारियों को आमंत्रित किया जाता है और शपथ ग्रहण चीफ जस्टिस की कोर्ट में होता है। परन्तु जस्टिस वर्मा के शपथ ग्रहण में उक्त परम्पराओं का पालन नहीं किया गया।

(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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