Bihar

मोतिहारी डीईओ का अजीब फरमान,एक साल पूर्व मृत शिक्षिका से मांगा स्पष्टीकरण

प्रतीकात्मक तस्वीर

पूर्वी चंपारण,05 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जिला का शिक्षा विभाग अक्सर घपले-धोटाले और भष्ट्राचार को लेकर सुर्खियां बटोरता रहा है।फिलवक्त विभाग एक बार फिर अजीबोगरीब फरमान के कारण चर्चा का केंद्र बना हुआ है।मामला जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) से जुड़ा है जिन्होने एक वर्ष पहले मृत हो चुकी एक शिक्षिका से स्कूल में अनुपस्थित रहने और ई-शिक्षा पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज नहीं कराने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है।

इतना ही नही डीईओ साहब ने मृत शिक्षिका को 24 घंटे में स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की बात कही है।जो चर्चा का विषय बना हुआ है,मामला अरेराज प्रखंड के यूएमएस गोबिंदगंज गर्ल्स स्कूल का बताया जा रहा है।

डीईओ के स्पष्टीकरण में क्रमांक 52 पर शिक्षिका उर्मिला कुमारी का नाम है, जिनकी लगभग एक वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है। विभाग ने इसके पूर्व मोतिहारी में एक दिवंगत शिक्षिका को प्रशिक्षण के लिए बुलाया था।जिसके बाद विभाग की खुब फजीहत हुई थी। घटना मोतिहारी के डायट भवन से संबंधित है, जहां 250 शिक्षकों के लिए एफएलएन और आईसीटी प्रशिक्षण के आयोजन में शिक्षको के लिए जारी सूची में क्रमांक 22 पर उत्क्रमित मध्य विद्यालय भगवानपुर कोटवा में कार्यरत शिक्षिका रानी कुमारी का नाम दर्ज है।

शिक्षिका रानी कुमारी का पिछले वर्ष कैंसर के कारण निधन हो चुका है।उल्लेखनीय है,कि जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने ई-शिक्षा कोष ऐप पर उपस्थिति दर्ज नहीं करने वाले 969 अनुपस्थित शिक्षकों से स्पष्टीकरण की मांग की है। इस स्पष्टीकरण सूची में क्रमांक 52 पर यूएमएस गोबिंदगंज गर्ल्स अरेराज की शिक्षिका उर्मिला कुमारी का नाम है, जिनकी लगभग एक वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है। सवाल यह है,कि सबकुछ डिजिटल होने का दावा करने वाली जिला शिक्षा कार्यालय को एक वर्ष पहले मृत शिक्षिका की सूची क्यों नहीं है?फिलहाल यह स्पष्टीकरण पत्र सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। आम लोग सोशल मीडिया पर शिक्षा विभाग के इस अजीबोगरीब फरमान को लेकर खुब टिप्पणी कर रहे हैं। डीईओ के पत्र में बताया गया है कि 3 अप्रैल को ई-शिक्षा कोष ऐप पर शिक्षकों की उपस्थिति की जांच की गई थी। जांच में 969 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए। वहीं, 265 शिक्षकों ने बिना पूर्व अनुमति के ‘मार्क ऑन ड्यूटी’ दर्ज किया था। इसके अतिरिक्त, 5764 शिक्षकों ने उपस्थिति तो दर्ज की थी, लेकिन ‘मार्क आउट’ नहीं किया था। इन सभी शिक्षकों से 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही गई है।

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(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार

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