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1905 के भूकंप ने सिखाए कई सबक, रहें हमेशा सजग और सतर्क : एडीसी

धर्मशाला में मार्च निकालते हुए अधिकारी व अन्य।

धर्मशाला, 04 अप्रैल (Udaipur Kiran) ।

4 अप्रैल 1905 को जिला कांगड़ा में आए भयावह भूकंप की स्मृति में जिला प्रशासन द्वारा शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय से लेकर पुलिस मैदान मतक मार्च निकाला गया। मार्च में उपायुक्त कार्यालय सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी तथा शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों व स्कूली बच्चों ने भाग लिया। कांगड़ा भूकंप की स्मृति में पुलिस मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षण संस्थानों से आए बच्चों ने भूकंप और प्राकृतिक आपदा से संबंधित विषयों पर भाषण दिए तथा कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त विनय कुमार ने सभी को 1905 के भूकंप से सबक लेते हुए प्राकृतिक आपदाओं को लेकर सजग और सतर्क रहने को कहा।

उन्होंने इस दौरान 1905 के भूकंप में जान गंवाने और हताहत हुए लोगों व अन्य प्राणियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि 1905 में जब कांगड़ा में विनाशकारी भूकंप आया था तब जिले में भवनों की संख्या और जनसंख्या दोनों कम थीं, उसके बावजूद भी भूकंप ने सब नेस्तनाबूद कर दिया था। उन्होंने कहा कि तब की तुलना में आज भवनों की संख्या और जनसंख्या अनेकों गुणा ज्यादा है। दोबारा कभी ऐसी त्रासदी आए उससे निपटने के लिए हम सबको पहले से ही तैयारी रखने और जरूरी उपायों की करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण के समय भूकंपरोधी तकनीक को अपनाने और अपने आस-पास कुछ क्षेत्र खुला रखने की दिशा में सबको प्राथमिकता से विचार करना चाहिए।

आपदा मित्र और छात्राएं की सम्मानित

अतिरिक्त उपायुक्त ने युवा आपदा मित्र योजना के तहत केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान जम्मू से प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे तीन आपदा मित्रों निकिता, नरेंद्र और अनीता को प्रशस्ति पत्र भेंट किए। साथ ही भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने वालीं छात्राओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। भाषण प्रतियोगिता में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धर्मशाला की गीतांजलि ने प्रथम, देवांशी भट्ट ने द्वितीय और सोनाक्षी ने तृतीय स्थान प्राप्त कर लोगों को भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं बारे जागरूक किया।

कार्यक्रम में सहायक आयुक्त सुभाष गौतम, एसडीएम धर्मशाला संजीव कुमार सहित पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड, एनआईडीएम के अधिकारी-कर्मचारी और शिक्षण संस्थानों से आए शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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