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उत्तराखंड में कूड़ा बीनने वालों को प्रोत्साहन राशि देने व उनके समुचित योजना बनाने के निर्देश

नैनीताल हाईकोर्ट।

नैनीताल, 3 अप्रैल (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कूड़ा बीनने वालों (रैगपिकर्स) के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें प्रोत्साहन राशि देने के लिए नगर निगम देहरादून को समुचित योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पत्र का स्वतः संज्ञान लेते हुए नगर निगम देहरादून, शिक्षा विभाग, शहरी विकास विभाग और पंचायती राज विभाग को कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

सुनवाई के दौरान नगर निगम देहरादून के उपायुक्त की ओर से बताया गया कि नगर निगम बोर्ड के समक्ष रैगपिकर्स (कूड़ा बीनने वालों) के लिए एक योजना प्रस्तावित की जाएगी। इस सूची में 463 रैगपिकर्स के नाम शामिल हैं। इस योजना के तहत रैगपिकर्स को न केवल न्यूनतम वेतन मिलेगा, बल्कि उनके लिए सुरक्षा उपकरण जैसे जूते, दस्ताने और फेस मास्क भी उपलब्ध कराए जाएंगे। कोर्ट ने सुझाव दिया कि नगर निगम न्यूनतम वेतन के अतिरिक्त, रैगपिकर्स को प्रोत्साहन राशि भी दे सकता है। यह प्रोत्साहन राशि गीले, सूखे, प्लास्टिक और ई-वेस्ट के प्रति किलोग्राम संग्रह पर आधारित हो सकती है। कूड़ा प्रबन्धन के लिए हाईकोर्ट ने नगर निगम देहरादून को नीति लागू करने का निर्देश दिया है, जिसमें प्रत्येक घर में चार प्रकार के कूड़ेदान होने चाहिए। इनमें गीले कचरे के लिए एक, सूखे कचरे (धातु, कांच, लकड़ी आदि) के लिए दूसरा, प्लास्टिक कचरे के लिए तीसरा और ई-वेस्ट के लिए चौथा बिन होगा। नगर निगम को यह भी निर्देश दिया गया कि घरों में कचरे को अलग-अलग करने की प्रक्रिया को सख्ती से लागू किया जाए और जो लोग इसका पालन न करें, उन पर जुर्माना लगाया जाए। साथ ही इस व्यवस्था को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाए। कोर्ट ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि स्कूलों में स्वच्छता और कूड़ा प्रबंधन पर विशेष कार्यक्रम शुरू किए जाएं। इसी तरह शहरी विकास और पंचायती राज विभाग को भी इस दिशा में जागरूकता फैलाने के लिए कदम उठाने को कहा गया है। कोर्ट ने परिवहन विभाग को निर्देश दिया है कि सभी पर्यटकों और यात्री वाहनों में कूड़ा रखने के लिए डस्टबिन या पेपर बैग अनिवार्य किए जाएं ताकि सड़कों पर कूड़ा न फेंका जाए। कोर्ट ने शिक्षा विभाग, नगर निगम देहरादून, शहरी विकास और पंचायती राज विभाग को 13 मई 2025 तक कार्यवाही की रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।

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(Udaipur Kiran) / लता

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उत्तराखंड में कूड़ा बीनने वालों को प्रोत्साहन राशि देने व उनके समुचित योजना बनाने के निर्देश

नैनीताल हाईकोर्ट।

नैनीताल, 3 अप्रैल (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कूड़ा बीनने वालों (रैगपिकर्स) के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें प्रोत्साहन राशि देने के लिए नगर निगम देहरादून को समुचित योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पत्र का स्वतः संज्ञान लेते हुए नगर निगम देहरादून, शिक्षा विभाग, शहरी विकास विभाग और पंचायती राज विभाग को कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

सुनवाई के दौरान नगर निगम देहरादून के उपायुक्त की ओर से बताया गया कि नगर निगम बोर्ड के समक्ष रैगपिकर्स (कूड़ा बीनने वालों) के लिए एक योजना प्रस्तावित की जाएगी। इस सूची में 463 रैगपिकर्स के नाम शामिल हैं। इस योजना के तहत रैगपिकर्स को न केवल न्यूनतम वेतन मिलेगा, बल्कि उनके लिए सुरक्षा उपकरण जैसे जूते, दस्ताने और फेस मास्क भी उपलब्ध कराए जाएंगे। कोर्ट ने सुझाव दिया कि नगर निगम न्यूनतम वेतन के अतिरिक्त, रैगपिकर्स को प्रोत्साहन राशि भी दे सकता है। यह प्रोत्साहन राशि गीले, सूखे, प्लास्टिक और ई-वेस्ट के प्रति किलोग्राम संग्रह पर आधारित हो सकती है। कूड़ा प्रबन्धन के लिए हाईकोर्ट ने नगर निगम देहरादून को नीति लागू करने का निर्देश दिया है, जिसमें प्रत्येक घर में चार प्रकार के कूड़ेदान होने चाहिए। इनमें गीले कचरे के लिए एक, सूखे कचरे (धातु, कांच, लकड़ी आदि) के लिए दूसरा, प्लास्टिक कचरे के लिए तीसरा और ई-वेस्ट के लिए चौथा बिन होगा। नगर निगम को यह भी निर्देश दिया गया कि घरों में कचरे को अलग-अलग करने की प्रक्रिया को सख्ती से लागू किया जाए और जो लोग इसका पालन न करें, उन पर जुर्माना लगाया जाए। साथ ही इस व्यवस्था को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाए। कोर्ट ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि स्कूलों में स्वच्छता और कूड़ा प्रबंधन पर विशेष कार्यक्रम शुरू किए जाएं। इसी तरह शहरी विकास और पंचायती राज विभाग को भी इस दिशा में जागरूकता फैलाने के लिए कदम उठाने को कहा गया है। कोर्ट ने परिवहन विभाग को निर्देश दिया है कि सभी पर्यटकों और यात्री वाहनों में कूड़ा रखने के लिए डस्टबिन या पेपर बैग अनिवार्य किए जाएं ताकि सड़कों पर कूड़ा न फेंका जाए। कोर्ट ने शिक्षा विभाग, नगर निगम देहरादून, शहरी विकास और पंचायती राज विभाग को 13 मई 2025 तक कार्यवाही की रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।

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(Udaipur Kiran) / लता

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