
नैनीताल, 03 अप्रैल (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को नैनीताल नगर पालिका के लेकब्रिज चुंगी एवं कार पार्किंग के टेंडर प्रक्रिया के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई हुई। हाई कोर्ट की ओर से एक अप्रैल को जारी निर्देशों के क्रम में नगर पालिका की ओर से कोर्ट को बताया गया कि नैनीताल में लेकब्रिज चुंगी एवं कार पार्किंग के ठेके अब नहीं होंगे। इनका संचालन नगरपालिका सहायता समूहों की मदद से स्वयं करेगी। नगर पालिका ने लेकब्रिज चुंगी व डीएसए, कार पार्किंग व मेट्रोपोल कार पार्किंग के टेंडर पहले ही निरस्त कर दिए हैं। नगर पालिका अब नैनीताल में आने वाले वाहनों से नैनीताल इंट्री टेक्स नाम से बढ़ा हुआ शुल्क लेगी और शहर में प्रवेश करने वाले तीनों मार्गों में टैक्स वसूली बूथ भी बनाए जाएंगे। इस संबंध में नगर पालिका की ओर से पालिका बायलॉज में संशोधन भी किया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार लेकब्रिज चुंगी व कार पार्किंग के टेंडर प्रक्रिया के खिलाफ दीवान फर्त्याल, सुमित जेट्टी व ठाकुर इंटरप्राइजेज ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थी।
सुनवाई के दौरान अधिशासी अधिकारी नगर पालिका दीपक गोस्वामी भी कोर्ट में मौजूद थे। नगर पालिका की ओर से लेकब्रिज चुंगी व कार पार्किंग के संचालन के संबंध में नगर पालिका की ओर से विस्तृत जवाब दिया गया। कोर्ट ने नगर पालिका के जवाब के बाद निर्देश दिया कि नगर पालिका नैनीताल इंट्री टेक्स केवल ‘यूपीआई स्कैनर कोड’ के माध्यम से वसूल करेगी। ताकि चुंगी वसूली बूथों में पैंसो के लेनदेन के कारण अनावश्यक जाम से बचा जा सके। इस मामले में नगर पालिका की ओर से नेटवर्क में कमी के कारण ऑन लाइन चुंगी वसूली प्रक्रिया में दिक्कत होने का हवाला दिया, लेकिन कोर्ट ने इस दलील को नहीं माना ।
सुनवाई के दौरान नगर पालिका की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पालिका में कर अधीक्षक, सफाई अधीक्षक, कर निरीक्षक, सफाई निरीक्षक, लेखाकार, सहायक लेखाकार सहित आठ महत्वपूर्ण पद रिक्त होने से कामकाज प्रभावित हो रहा है। जिस पर हाईकोर्ट ने सचिव, शहरी विकास से इन पदों को शीघ्र भरने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने नगर पालिका को जारी दिशा निर्देशों पर 17 अप्रैल से पूर्व प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। कोर्ट ने इन मामलों की अगली सुनवाई के लिए 17 अप्रैल की तिथि नियत की।
वहीं शहर की ट्रैफिक व्यवस्था व बिड़ला रोड में वाहनों के खड़े रहने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर भी इसी मामले के साथ सुनवाई की। नैनीताल में वाहनों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के संबंध में कोर्ट ने पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं को ट्रैफिक प्लान के ब्यौरे के साथ 17 अप्रैल को कोर्ट में बुलाया है। कोर्ट ने हाई कोर्ट के अधिवक्ताओं एवं नैनीताल की प्रबुद्ध जनता से भी शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सामान्य बनाने को लेकर सुझाव देने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि ट्रैफिक समस्या के कारण एवं उसके समाधान के उपाय शपथ पत्र के साथ हाई कोर्ट में देने होंगे।
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(Udaipur Kiran) / लता
