
नैनीताल, 2 अप्रैल (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने राज्य परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक (वित्त) भूपेंद्र कुमार के दिल्ली आईएसबीटी स्थानांतरण को सही ठहराया है। साथ ही, सरकार को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को जांच की सुनवाई में भाग लेने की पूरी सुविधा दी जाए और भत्ता भी प्रदान किया जाए।सुनवाई के दौरान अदालत के संज्ञान में आया कि पहले दिए गए शीघ्र जांच के आदेश का विभाग ने पालन नहीं किया। इस पर हाईकोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जांच तीन माह के भीतर पूरी की जाए, अन्यथा स्वतः संज्ञान लेकर अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाएगी। कोर्ट ने आदेश की प्रति राज्य सरकार और निगम को तुरंत ईमेल से भेजने का निर्देश भी दिया।मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार उप महाप्रबंधक वित्त भूपेंद्र कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने स्थानांतरण आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि उनका स्थानांतरण दिल्ली के इंटर-स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) में किया गया है, जबकि वह राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी हैं और उन्हें राज्य से बाहर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। हालांकि याचिकाकर्ता ने यह स्वीकार किया कि निगम का दिल्ली में भी कार्यालय है और याचिकाकर्ता के खिलाफ एक जांच शुरू की गई है, जबकि परिवहन निगम की ओर से बताया गया कि याचिकाकर्ता पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने निगम के वेंडरों से प्राप्त धनराशि को निगम के खाते में जमा नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पर लगे आरोप गंभीर हैं इसलिए उन्हें डिप्टी जनरल मैनेजर (वित्त) के पद से हटाने में कोई त्रुटि नहीं है। चूंकि आईएसबीटी दिल्ली का कार्यालय भी निगम का ही कार्यालय है इसलिए उनका स्थानांतरण भी गलत नहीं माना जा सकता।
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(Udaipur Kiran) / लता
