Gujarat

भारत को पुनः ‘विश्वगुरु’ बनाने के लिए संगठित प्रयास आवश्यक : राज्यपाल

राजभवन में हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, बिहार, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश के स्थापना दिवस का आयोजन
राजभवन में राज्यों के स्थापना दिवस पर प्रस्तुति देते कलाकार।
राजभवन में राज्यों के स्थापना दिवस पर प्रस्तुति देते कलाकार।

राजभवन में हिमाचल प्रदेश व ओडिशा सहित कई प्रदेशों के स्थापना दिवस पर हुआ आयोजन

गांधीनगर, 2 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि भारत को पुनः ‘सोने की चिड़िया’ और ‘विश्वगुरु’ के गौरवशाली स्थान पर विराजमान करने के लिए संगठित प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘विकसित भारत 2047’ संकल्प का उल्लेख करते हुए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में निरंतर कार्य करने का आह्वान किया।

राज्यपाल आचार्य देवव्रत बुधवार को गुजरात राजभवन में हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, बिहार, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल देवव्रत ने अपने संबोधन में भारत की स्वतंत्रता के बाद देश को एकीकृत करने में सरदार वल्लभभाई पटेल के अभूतपूर्व योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के रूप में मूर्त रूप दिया। यह प्रतिमा आज पूरे विश्व को एकता और अखंडता का संदेश देती है।

राजभवन के महर्षि दयानंद सभामंडपम में आयोजित इस समारोह में विभिन्न राज्यों के गुजरात में अध्ययनरत छात्रों ने अपने-अपने राज्य की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करती प्रस्तुतियां दीं। राज्यपाल ने इन युवा कलाकारों को सम्मानित किया और उनकी प्रस्तुतियों को देश की विविधता में एकता का प्रतीक बताया। राज्यपाल ने कहा कि देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के उद्देश्य से इस परंपरा की शुरुआत की गई। इसके तहत सभी राजभवनों में राज्यों की स्थापना दिवस पर

कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भारतीय संस्कृति की विविधता का उल्लेख करते हुए कहा कि विभिन्न भाषाओं, बोलियों और परंपराओं के बावजूद भारत एक राष्ट्र के रूप में एकीकृत है। उन्होंने कहा कि गुजरात में अध्ययनरत अन्य राज्यों के विद्यार्थियों द्वारा अपनी सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करना न केवल उनकी संस्कृति को जीवंत बनाए रखता है, बल्कि राष्ट्र की एकता को भी मजबूत करता है। राज्यपाल ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि राष्ट्र की एकता को बनाए रखने के लिए संवाद और परस्पर मेलजोल आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें, तो भारत पुनः विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर हो सकता है।

कार्यक्रम के दौरान राज्यपालों के वीडियो संदेश भी प्रसारित किए गए। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और ओडिशा के राज्यपाल डॉ. हरिबाबू कंभमपति ने गुजरात में बसे नागरिकों को शुभकामना संदेश भेजे। कार्यक्रम में राज्य की

प्रथम लेडी दर्शना देवी, परिवहन आयुक्त अनुपम आनंद, एडीजीपी राजू भार्गव, अजय कुमार चौधरी, मुख्य वन संरक्षक राज संदीप, राज्यपाल के प्रधान सचिव अशोक शर्मा, गुजरात पर्यटन निगम की प्रबंध निदेशक एस. छकचुआक, गुजरात ऊर्जा विकास एजेंसी के निदेशक अजय प्रकाश, वास्मो की सीईओ स्तुति चरण, पूर्व सिविल सेवक एचके दास सहित वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, सुरक्षाबल के अधिकारी और गुजरात में बसे विभिन्न राज्यों के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस मौके पर

समारोह में बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दीं।

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(Udaipur Kiran) / बिनोद पाण्डेय

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