
जयपुर, 1 अप्रैल (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने स्थाई पूर्ण दिव्यांग सरकारी कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नहीं देने से जुड़े मामले में प्रमुख महिला एवं बाल विकास सचिव और निदेशक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इसके साथ ही अदालत ने मामले को याचिका के निर्णयाधीन रखा है। जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश उमाशंकर चौरसिया की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता हिमांशु ठोलिया ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता महिला एवं बाल विकास विभाग, बूंदी में एएओ पद पर कार्यरत है। साल 2017 में 52 साल की उम्र में ड्यूटी के दौरान वह दुर्घटनाग्रस्त होकर 80 फीसदी दिव्यांग हो गया। याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने स्थाई पूर्ण दिव्यांग सरकारी कर्मचारी के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति नियम, 2023 लागू किए हैं। इन नियमों के तहत 55 साल से कम उम्र के कर्मचारी के पूर्ण दिव्यांग होने पर उसे निर्योग्यता सेवानिवृत्ति देकर उसके आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान किया गया है। वहीं कार्मिक विभाग ने 2 सितंबर, 2024 को आदेश जारी कर कहा कि कर्मचारी की इन नियमों के लागू होने से पूर्व दुर्घटना हुई हो और यदि मेडिकल बोर्ड की ओर से प्रमाण पत्र इन नियमों के लागू होने के बाद जारी किया गया हो तो उसके एक साल के भीतर आवेदन करने पर कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकती है। याचिका में कहा गया कि विभाग ने उसका आवेदन यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि उसकी उम्र 55 साल से अधिक है। जबकि दुर्घटना के समय उसकी उम्र 52 साल थी और उसे मेडिकल बोर्ड से इन नियमों को लागू होने के बाद प्रमाण पत्र मिला है। ऐसे में साल 2023 के नियमों के तहत उसके आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए प्रकरण को याचिका के निर्णयाधीन रखा है।
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(Udaipur Kiran)
