
नैनीताल, 31 मार्च (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पंतनगर विश्वविद्यालय में लंबे समय से कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए एक चयन समिति गठित करने और कर्मचारियों के दावों की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच करने को कहा है।
सोमवार को न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने 12 मार्च को मो राशिद व अन्य की याचिका पर सुनवाई के बाद इस याचिका को हाई कोर्ट की ओर से 6 जनवरी 2025 को विभिन्न याचिकाओं अजय कुमार बनाम राज्य सरकार में दिए गए फैसले से जोड़ दिया है। याचिकाकर्ता मोहम्मद राशिद और अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि उनकी सेवा को उनकी प्रारंभिक नियुक्ति तिथि से दैनिक वेतनभोगी के रूप में मान्यता दी जाए और उन्हें उसी आधार पर नियमित किया जाए।
दरअसल, हाई काेर्ट ने 6 जनवरी 2025 को करीब 32 याचिकाओं की सुनवाई के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन को निर्देश दिया था कि वह तीन माह के भीतर एक चयन समिति का गठन करे और कर्मचारियों के नियमितीकरण पर विचार करें। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि विश्वविद्यालय को पदों की स्वीकृति में कोई समस्या होती है तो वे सरकार को अतिरिक्त पद सृजित करने का प्रस्ताव भेज सकते हैं। चूंकि राज्य सरकार इस मामले में एक पक्षकार है, इसलिए न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि यदि विश्वविद्यालय सरकार को पदों की मंजूरी के लिए कोई प्रस्ताव भेजता है तो राज्य सरकार को इस पर त्वरित निर्णय लेना होगा। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से ‘जग्गो बनाम भारत संघ’ मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया गया जिसमें कहा गया था कि यदि कोई कर्मचारी लंबे समय तक सेवा देता है और उसकी नियुक्ति अवैध नहीं है, तो उसके नियमितीकरण पर विचार किया जाना चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / लता
