Uttrakhand

युवाओं को सांस्कृतिक प्रदूषण से बचाना हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी : अनुराग ठाकुर

कार्यक्रम का दीप जलाकर शुभारंभ करते पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर व डाॅ धन सिंह रावत।

देहरादून, 30 मार्च (Udaipur Kiran) । हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि आज के समय में जब भारत के सेक्युलर और विपक्षी विचारकों के आदर्श महाराणा प्रताप, शिवाजी या राणा सांगा नहीं, बल्कि बाबर और औरंगज़ेब हो चुके हैं, तो युवाओं को सांस्कृतिक प्रदूषण से बचाना हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी बन जाती है।

अनुराग ठाकुर रविवार को देहरादून स्थित हिमालयन कल्चरल सेंटर में हिंदू नव वर्ष के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत के गौरवशाली इतिहास को एक षड्यंत्र के तहत छुपाया गया। सैकड़ों सालों से बाबर महान, हुमायूँ महान, औरंगजेब टोपी सिलता ऐसी ही कहानियाँ सुनाई गयी, जिन्होंने भारत में गजवा ए हिन्द के नाम पर आतंक, नरसंहार और लूटमार किया, हमारे मंदिर तोड़े, उन लुटेरों को दयावान, महान और भारत का निर्माता कह कर पेश किया गया और भारत माता के वो लाल जिन्होंने जिहाद का जहर फ़ैलाने वाले सुल्तानों के खिलाफ लड़ाइयां लड़ी उन्हें लुटेरा और खलनायक साबित करने का अभियान चलाया गया ।

उन्होंने कहा कि ये कहानियां सुनाई ही नहीं गई बतौर इस झूठ को स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाया गया। ब्रिटिश साम्राज्यवाद, मुगलिया मानसिकता और जहरीले वामपंथ की तिकड़ी ने योजनावद्ध तरीके से भारत के असली इतिहास को मिटा कर नकली इतिहास से बदलने की कोशिशें की हैं। यहाँ तक कि इन्होंने हमारे मन में सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के प्रति हीन भावना पैदा करने के लिए एक झूठा प्रचार तंत्र खड़ा किया।

अनुराग सिंह ठाकुर में कहा “ ये विपक्ष के नेताओं ने हमारे पूर्वजों, हमारे नायकों, भारत की गौरवों को अपमानित करने, छवि धूमिल करने को आदत में डाल दी है। आज देश पूछ रहा है कि चंद वोटों की ख़ातिर आप अपने स्वाभिनाम को क्यों बेच डाला। औरंगजेब के कब्र को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा भी दिया गया, जहां टैक्स पेयर के पैसों से चौबीस घंटे अगरबत्तियां जलती हैं और जब यह देश राणा सांगा और उनके शौर्य की बात करता है तो इनके सीने में शूल सा चुभ जाता है ।

अतिक्रमण मात्र हमारी सीमाओं का नहीं हुआ था, घुसपैठ हमारी सीमाओं में नहीं हुए हैं। चोरी सिर्फ हमारे एतिहासिक धरोहरों की नहीं हुई। यह घुसपैठ और अतिक्रमण हमारे संस्कृति और इतिहास में भी हुआ है, हमारे सोच पर कब्जा करने की कोशिश की गयी। आज यह सच सामने लाने और युवा पीढ़ी को सांस्कृतिक प्रदूषण से बचाना हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है। आज हम इतिहास के उस मोड़ पर खड़े हैं, जहां विश्व नेतृत्व के लिए भारत की ओर देख रहा है और वह क्षण दूर नहीं है। हमें हजार साल आगे के भारत की दिशा तय करनी है और यह काम युवाओं को करना है। आज पूरे विश्व में भारत के युवा भारत की संस्कृति की पहचान बन रहे हैं और हम ब्रांड भारत के उस निर्णायक मोड़ पर खड़े हैं, जहाँ से हमारा सुनहरा और उज्जवल भविष्य दिख रहा है। इस मौके पर प्रदेश की शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह भी मौजूद रहे।

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(Udaipur Kiran) / Vinod Pokhriyal

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