
सरकार के खिलाफ अवमानना कार्रवाई चलाने व मुख्य सचिव को कोर्ट में तलब करने
की दी चेतावनी
भाटला सामाजिक बहिष्कार प्रकरण : सुप्रीम कोर्ट ने लगाई हरियाणा सरकार को कड़ी
फटकार
हिसार, 27 मार्च (Udaipur Kiran) । जिले के गांव भाटला साामाजिक बहिष्कार प्रकरण में
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित विशेष जांच टीम को संसाधन उपलब्ध न करवाने जाने पर सुप्रीम
कोर्ट ने हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार के
खिलाफ अवमानना कार्रवाई चलाने व मुख्य सचिव को तलब करने की चेतावनी भी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस वर्ष 30 जनवरी को सुनवाई के दौरान भाटला प्रकरण में दर्ज
मुक़दमों में पुन जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम गठित करने के निर्देश दिए थे। टीम
गठित हो गई लेकिन इस टीम को हरियाणा सरकार द्वारा सहयोग व संसाधन उपलब्ध ना करवाए जाने
के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमएम सुंदरेश व जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच
के समक्ष हाल ही में फिर सुनवाई हुई।
पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता रजत कल्सन ने गुरुवार
को बताया कि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच भाटला सामाजिक बहिष्कार प्रकरण
के मामले में हरियाणा सरकार के नकारात्मक रवैए से नाराज नजर आई तथा हरियाणा सरकार के
वकील को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच टीम के बार-बार
अनुरोध का बावजूद हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव जांच टीम को जांच के लिए समुचित संसाधन
व सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। बेंच ने कहा कि हरियाणा सरकार की मंशा इस मामले
में टीम का सहयोग करने की नहीं लग रही है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार के वकील
को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विशेष जांच टीम को भाटला सामाजिक बहिष्कार प्रकरण में
जांच के लिए जरूरी संसाधन व सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराए गए तथा उसका सहयोग नहीं किया
गया तो इसे अदालत की अवमानना समझा जाएगा तथा अदालत हरियाणा के मुख्य सचिव को अदालत
में तलब करेगी और उनके खिलाफ और अवमानना की कार्रवाई चलाई जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद हरियाणा सरकार ने कोर्ट को आश्वासन दिया
कि विशेष जांच टीम को हर तरह का सहयोग दिया जाएगा तथा उन्हें जांच के संबंध में यात्राएं
तथा ठहराव वगैरह के लिए समुचित संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। अधिवक्ता रजत कल्सन ने बताया
कि भाटला सामाजिक बहिष्कार प्रकरण में पीड़ित पक्ष द्वारा हांसी पुलिस के खिलाफ भाटला
सामाजिक बहिष्कार प्रकरण में पीड़ितों की तरफ से दर्ज मुकदमो में जानबूझकर पक्षपाती
जांच कर पीड़ितों के मुकदमे को खारिज करने व कमजोर करने तथा खुद पीड़ितों पर ही झूठे
मुकदमे दर्ज कराने के मामले की सीबीआई से जांच करने बारे सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका
दायर की थी जिसमें पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के दो पूर्व पुलिस
महानिदेशकों के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम का गठन कर मामले की पुनः जांच के आदेश
दिए थे। टीम को निर्देश दिए थे कि इस मामले में पूरे प्रकरण की पुनः जांच कर तीन माह
में कोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश करें तथा हरियाणा सरकार को भी सुप्रीम कोर्ट ने आदेश
दिए थे कि इस मामले में विशेष जांच टीम को यात्रा, ठहराव अन्य सभी साधन सहित हर संभव
सहायता उपलब्ध कराए।
अधिवक्ता रजत कलसन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में हुई सुनवाई के
बाद प्रशासन को विशेष जांच टीम को संसाधन व सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी। इसके बाद ऐसी
संभावना बन गई है कि जल्द ही विशेष जांच टीम गांव भाटला का दौरा कर पीड़ितों के बयान
दर्ज कर सकती है और सामाजिक बहिष्कार प्रकरण के पीड़ितों द्वारा पूरे मामले की सारी
सच्चाई विशेष जांच टीम के अधिकारियों को बताई जाएगी तथा न्याय की मांग की जाएगी।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
