शिमला, 26 मार्च (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में निदेशक (विद्युत) रहे देश राज को राहत नहीं मिली है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। देश राज पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया था लेकिन बुधवार को हाईकोर्ट ने उनकी याचिका नामंजूर कर दी। इससे उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।
18 मार्च को झील में मिला था शव
गौरतलब है कि चीफ इंजीनियर विमल नेगी 10 मार्च से लापता थे। उनका आखिरी मोबाइल लोकेशन बिलासपुर जिले में ट्रेस हुआ था। पुलिस और परिजनों द्वारा कई दिनों की तलाश के बाद 18 मार्च को उनका शव गोविंद सागर झील में मिला। इस घटना के बाद परिजनों ने कई गंभीर सवाल उठाए थे और उनके निधन को संदिग्ध बताया था।
मृतक की पत्नी ने पुलिस में शिकायत दी थी कि एचपीपीसीएल के निदेशक देश राज उन्हें अनुचित कार्यों के लिए दबाव बना रहे थे जिससे वे भारी तनाव में थे। इस आरोप के बाद एचपीपीसीएल कर्मचारियों और नेगी के परिजनों में गुस्सा भड़क गया। 19 मार्च को परिजनों ने शिमला स्थित एचपीपीसीएल मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। स्थिति गंभीर होती देख सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा। सरकार की ओर से मौके पर पहुंचे मंत्रियों ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।
सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए देश राज को निलंबित कर दिया और एचपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक हरीकेश मीना को पद से हटा दिया। उनके स्थान पर 2012 बैच के आईएएस अधिकारी राकेश प्रजापति को नया एमडी बनाया गया। साथ ही निदेशक (सिविल) सुरिंदर कुमार को अतिरिक्त रूप से निदेशक (इलेक्ट्रिकल) का कार्यभार सौंपा गया।
शिमला पुलिस को मिले पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि विमल नेगी के शरीर पर किसी भी तरह की बाहरी चोट के निशान नहीं थे। रिपोर्ट के अनुसार शव झील से बरामद होने से लगभग 5-6 दिन पहले ही उनकी मृत्यु हो चुकी थी।
पुलिस ने इस मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। एसपी शिमला की अगुवाई में गठित इस टीम ने पूछताछ का दायरा बढ़ा दिया है। मामले की जांच के लिए न्यू शिमला थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है, जिसमें तीन अधिकारियों के नाम शामिल हैं। पुलिस जल्द ही इनसे पूछताछ करेगी।
परिजनों ने आरोप लगाया है कि ऊर्ज़ा निगम के कुछ वरिष्ठ अधिकारी विमल नेगी पर लगातार मानसिक दबाव बना रहे थे। देर रात तक कार्य करने के लिए मजबूर किया जाता था, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान थे। जांच के दौरान पुलिस ने उनके बायोमेट्रिक उपस्थिति रिकॉर्ड जब्त किए हैं जिससे यह खुलासा हुआ है कि उन्हें देर रात तक कार्यालय में रुकने के लिए बाध्य किया जाता था।
इस बीच एसआईटी ने देश राज के निजी सहायक से पूछताछ की है और एचपीपीसीएल कार्यालय का पूरा रिकॉर्ड जब्त कर लिया है। पुलिस द्वारा संपर्क किए जाने पर देश राज का मोबाइल फोन बंद पाया गया। जांच में सामने आया है कि वह पिछले कुछ दिनों से कार्यालय नहीं आए हैं और फिलहाल फरार हैं।
पुलिस ने मामले से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी कब्जे में लिया है। साथ ही पावर कॉरपोरेशन कार्यालय के कर्मचारियों से पूछताछ जारी है। मामले की गहनता को देखते हुए शिमला पुलिस ने छह अधिकारियों की एक विशेष टीम गठित की है जो हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है।
इस मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। विपक्षी दल भाजपा ने इसे राज्य सरकार की विफलता करार दिया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल शिव प्राप्त शुक्ल से मुलाकात कर निष्पक्ष जांच की मांग की। भाजपा ने मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग भी उठाई है।
राज्य सरकार ने इस मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। उन्हें 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
