
रांची, 25 मार्च( हि.स.)। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को सदन में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) विधायक जयराम महतो ने निजी कंपनियों में 75 फीसदी आरक्षण का मुद्दा उठाया। निजी कंपनियों में दो लाख गैर झारखंडी हैं जबकि 53 हजार ही झारखंड के कार्यरत हैं। जयराम ने पूछा कि आउटसोर्सिंग कंपनी क्या निजी कंपनी के दायरे में आती है।
इसपर भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने भी पूछा कि आउटसोर्सिंग कंपनी को निजी कंपनी मानते हैं या नहीं। ऐसी क्या पॉलिसी बनाएंगे कि झारखंड के नौजवानों को निजी क्षेत्र में 75 फीसदी आरक्षण मिल सके।
रातों-रात कानून लागू नहीं हो सकताः सुदिव्य
मंत्री सुदिव्य सोनू ने कहा कि कानून रातों रात लागू नहीं हो सकता। हाई कोर्ट के आदेश से पहले कंपनियां आरक्षण का पालन कर रही थीं। आउटसोर्सिंग निजी कंपनी ही है।
वहीं श्रम मंत्री संजय प्रसाद यादव ने कहा कि आउटसोर्सिंग कंपनी निजी कंपनी ही मानी जाती है। पदाधिकारी अगर गलत रिर्पोट दिए हों तो कार्रवाई की जाएगी।
यादव ने कहा कि झारखंड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम, 2021 का गठन करते हुए चार जनवरी, 2022 को झारखंड गजट में प्रकाशित किया गया है। अधिनियम के कंडिका-4 (1) के अनुसार अधिनियम के प्रारंभ के बाद प्रत्येक नियोक्ता 40 हजार से अनाधिक या सरकार द्वारा समय-समय पर यथा अधिसूचित अधिसीमा तक सकल मासिक वेतन या मजदूरी वाले ऐसे पदों, जो अधिसूचित होने की तिथि को रिक्त हों एवं उसके बाद उत्पन्न कुल रिक्ति का 75 प्रतिशत पदों पर स्थानीय उम्मीदवारों को नियोजित करेगा।
नियोजन अधिनियम, 2021 एवं नियमावली, 2022 का अनुपालन किया जा रहा है। विभाग की ओर से अधिनियम/नियमावली के कार्यान्वयन के लिए एक पोर्टल भी स्थापित है। जिस पर 28 फरवरी 2025 तक 7,470 प्रतिष्ठान निबंधित है।
वर्तमान में झारखंड हाई कोर्ट में दायर वाद संख्या डब्लूपीसी 5688/2024 11 दिसम्बर 2024 को पारित आदेश के आलोक में इसके अनुपालन पर अंतरिम रोक लगाई गई है। इस वाद की अगली सुनवाई की तिथि 26 मार्च है।
झारखंड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवार का नियोजन अधिनियम, 2021 का गठन के बाद झारखंड के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन नियमावली, 12 सितम्बर, 2022 के प्रभाव से राज्य में प्रभावी है।
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
