
शिमला, 23 मार्च (Udaipur Kiran) । राज्य के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा के विकास और सुधार के लिए 9850 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। यह बजट कुल राज्य बजट का 17 प्रतिशत है, जिसे शिक्षा की गुणवत्ता सुधार और आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए खर्च किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ठाकुर रविवार को राजकीय महाविद्यालय ठियोग में आयोजित वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार दूरदराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक सत्र के दौरान शिक्षकों के स्थानांतरण पर रोक लगा दी गई है, ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्षों से खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरा जा रहा है। इसके तहत 100 प्रधानाचार्यों को पदोन्नति देकर नियुक्त किया गया है। 19 रेगुलर प्रधानाचार्यों की तैनाती की गई है। 37 उपनिदेशकों को पदोन्नति दी गई है। 484 सहायक प्रोफेसरों की भर्ती की गई है, जिससे 80 फीसदी रिक्तियां भरी गईं। प्राथमिक शिक्षा में 3500 अध्यापकों की भर्ती बेच वाइस के माध्यम से हुई है। 3100 अध्यापकों की भर्ती लोक सेवा आयोग के माध्यम से की गई है। 700 से अधिक पीजीटी के पद भरे गए हैं।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि राजकीय महाविद्यालय ठियोग में 6.37 करोड़ रुपये की लागत से मल्टीपरपज हॉल का निर्माण किया जाएगा। जैसे ही वित्तीय अनुमति मिलेगी, निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा, कॉलेज में व्यवसायोन्मुख विषयों को शुरू करने और नॉन-टीचिंग स्टाफ के रिक्त पदों को भरने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
मंत्री ने बताया कि ‘एएसएआर’ रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश ने रीडिंग और लर्निंग में देशभर में पहला स्थान हासिल किया है। साथ ही, प्रदेश के प्रतिभाशाली छात्रों को सिंगापुर और कंबोडिया जैसे देशों में एक्सपोजर विजिट पर भेजा जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में नशा एक गंभीर चुनौती बन चुका है, जिससे निपटने के लिए सभी को एकजुट होना होगा। उन्होंने युवाओं से इस बुरी लत से दूर रहने और समाज को नशामुक्त बनाने में सहयोग देने की अपील की।
—————
(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
